विवि व काॅलेजों में सहायक शिक्षकों के लिए बनी नई नियुक्ति नियमावली- 2018 में संशोधन की मांग

♦अनुबंध सहायक प्राध्यापक संघ, रांची विश्वविद्यालय इकाई के उपाध्यक्ष डॉ रीझू नायक ने लिखा राज्यपाल को पत्र


♦Dr. BIRENDRA KUMAR MAHTO♦

डॉ रीझू नायक

रांची: झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं नवांगीभूत काॅलेजों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए बनी नई नियुक्ति नियमावली 2018 में संशोधन की मांग की गयी है। इस नियमावली को राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पारित कर राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है, जिसमें सहायक प्राध्यापक नियमावली की प्राथमिकता सूची में नहीं हैं। कार्यानुभव संबंधी अधिभार नई नियमावली में शामिल नहीं की गई है।


डॉ रीझू नायक ने राज्यपाल को दिये आवेदन में कहा कि झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं नवांगीभूत काॅलेजों में अनुबंध सहायक अध्यापक के रूप में सेवारत अभ्यर्थियों के लिए प्रति वर्ष 5 अंको का अधिभार दिया जाना चाहिए। वर्तमान में कार्यरत संविदा सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति में 50 फीसदी स्थान सुरक्षित किया जाए।


इससे वर्तमान में पदस्थापित संविदा सहायक प्राध्यापक अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस सिलसिले में रांची विश्वविद्यालय अनुबंध सहायक प्राध्यापक संघ, रांची विश्वविद्यालय इकाई के उपाध्यक्ष डॉ रीझू नायक ने इस संबंध में पत्र लिखकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अवगत कराया है। डॉ रीझू नायक ने राज्यपाल को दिये आवेदन में कहा कि झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं नवांगीभूत काॅलेजों में अनुबंध सहायक अध्यापक के रूप में सेवारत अभ्यर्थियों के लिए प्रति वर्ष 5 अंको का अधिभार दिया जाना चाहिए। वर्तमान में कार्यरत संविदा सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति में 50 फीसदी स्थान सुरक्षित किया जाए। दिव्यांग श्रेणी यथा दृष्टिबाधित, मूकबधिर, बहरापन एवं शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी के दिव्यांग अभ्यर्थी नहीं मिलने पर उसी श्रेणी के अन्य दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों को मौका मिलना चाहिए। साक्षात्कार में न्यूनतम अंक के लिए पैरामीटर निर्धारित कर 10 से 15 अंक का ही लिया जाए, ताकि अभ्यर्थियों के साथ पारदर्शिता व न्याय बना रहे। डॉ नायक ने राज्यपाल से नयी नियमावली 2018 में झारखंड के स्थानीय अभ्यर्थियों को ध्यान में रखकर आवश्यक संशोधन करने की बात कही है, ताकि वर्षों से उपेक्षित युवाओं को न्याय मिल सके।

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