विश्व आदिवासी दिवस पर आरएलएसवाई कॉलेज की ओर वेबिनार का आयोजन, विकास पर जोर

♦Laharnews.com Correspondent♦
    रांची : अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के अवसर पर राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग द्वारा “वैश्विक स्थिति में जनजातियों (शिक्षा एवं जीवन दर्शन) की दशा एवं दिशा“ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता कॉलेज के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभागाध्यक्ष डॉ खालिद अहमद ने की। वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा, आदिवासी परंपरा में समय एवं आवश्यकता के अनुसार बदलाव की जरूरत है। आदिवासी समुदायों के साथ मेरा वर्षों से उठना-बैठना, मिलना-जुलना रहा है। मैंने उन्हें काफी करीब से देखा है। वास्तव में वह काफी सौम्य होते हैं। उन्होंने कहा जनजातीय वर्ग में विज्ञान विषय में पढ़ने वालों की संख्या कम है। इस ओर ध्यान देने की जरुरत है।
डॉ स्मिता किरण टोप्पो ने कहा, वैश्विक स्थिति में सभी आदिवासी समुदाय को धार्मिक और सामाजिक भेदभाव को त्याग कर एक मंच पर आकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। खूंटी कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार सोय ने कहा, खूंटी आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के बावजूद अभी तक जैसा विकास होना चाहिए, नहीं हो पाया है, क्योंकि इस क्षेत्र में अभी भी योजनाएं धरातल पर पूरी तरह नहीं उतर पायी हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक गुंजल इकिर मुंडा ने कहा, आज आदिवासी भाषाएं विलुप्त हो रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद डॉ मुजफ्फर हुसैन ने कहा जनजातीय लोग एक अच्छे श्रोता एवं ग्रहणकर्ता होते हैं। उनमें किसी भी चीज को सीखने की अद्भुत क्षमता होती है। धूमकुड़िया यानि युवागृह के माध्यम से इन्हें आधुनिक शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, कला-कौशल आदि से जोड़ना चाहिए। गोस्सनर कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ कोरनेलियुस मिंज ने कहा जल है तो जन है, जन है तो वन है और वन है तो हम हैं। हमारे पूर्वजों ने जंगल में मिलने वाली औषधीय जड़ी बूटियों के महत्व एवं उनके प्रयोग विधि को समाज के सामने लाया। सहायक प्राध्यापक डॉ मनीष चंद्र टुडू ने कहा, मौखिक परंपरा को लेखबद्ध करने की जरूरत है क्योंकि इनके देशज ज्ञान से लोगों के जीवन शैली में सुधार हो सकता है।
वेबिनार का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ अजीत मुंडा एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक डॉ रामकुमार ने किया। वेबिनार में मुख्य रूप से प्रो अमर कुमार, प्रो सरोज कुमारी खलखो, डॉ सुरेश कुमार महतो, नीलू कुमारी, विकास उरांव, डॉ अहिल्या कुमारी, डॉ पारुल, डॉ नीतू कुमारी, प्रो छाया रानी, डॉ मृदुला प्रसाद, सोनू, पप्पू समेत काफी संख्या में कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *