काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने आधिकारिक तौर पर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मीडिया से कहा- भीतर-बाहर कहीं से हमारी दुश्मनी नहीं है। हम एक नया अफगानिस्तान बनाएंगे। उन्होंने मौजूदा हालात के लिए पहले की सरकार को जिम्मेवार ठहराया। इसके साथ ही कहा- विदेशी दूतावासों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। महिलाओं के आिॅफस जाने की भी बात तालिबान की ओर से कही गयी, लेकिन यह भी साफ किया गया कि यह सबकुछ शरिया कानून के तहत ही होगा। अमेरिका के लिए काम करने वालों को भी माफ करने की घोषणा की गयी। मुजाहिद का कहना है कि वे जल्द ही एक ऐसा समझौता करेंगे, जिसके जरिए देश में इस्लामी सरकार की स्थापना होगी। इस बीच तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान के शहर कंधार पहुंच चुका है।
उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को घोषित किया राष्ट्रपति
दूसरी ओर अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। सालेह ने ट्वीट कर कहा है, अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, डेथ या भाग जाने की स्थिति में उपराष्ट्रपति देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति होंगे। सालेह ने यह भी कहा है कि वह अभी भी देश के अंदर ही हैं और कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। अन्य नेताओं से मिलकर सपोर्ट हासिल कर रहे हैं।
महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा
मुजाहिद का कहना है कि इस्लामिक अमीरात दुनिया के तमाम देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा। किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल होने नहीं देगा। अफगानिस्तान में मूल्यों के आधार पर नियमों को लागू करने का अधिकार है, इसलिए अन्य देशों को इन नियमों का सम्मान करना चाहिए। साथ ही इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए मुजाहिद ने कहा, महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं। महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।