रांची : संवाददाताः शहर की साफ-सफाई, आईने की तरह चमकती सड़कें और अपराध पर अंकुश का वह मोंमेटम अब दिखाई नहीं पड़ता, जो इन्वेस्टर समिट मोमेंटम झारखंड के दौरान रांची में नजर आ रहा था। रांची की ऐसी व्यवस्था देख सरकार ने भी खूब वाहवाही बटोरी थी। हर चौक-चौराहे पर पुलिस बल की तैनाती थी। उस दौरान शहर में अपराध की घटनाओं में भी कमी आयी थी।
शहर के लोगों को ऐसी रांची देख पहली बार काफी राहत मिली थी। लोगों ने अपने अंदाज से यातायात जाम से मुक्ति का पर्व मनाया था। लेकिन अब न तो वह मिजाज दिख रहा है और न रांची की वह तस्वीर ही नजर आ रही है।
रांची की ऐसी थी व्यवस्था
राजधानी रांची में 16 और 17 फरवरी को आयोजित इनवेस्टर समिट के लिए कुछ दिनों पूर्व से ही शहर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। शहर सुरक्षा की चाकचौबंद व्यवस्था थी। प्रत्येक चौक-चौराहों पर दो पहिया और चार पहिया वाहन सवार लोगों की गहन तलाशी ली जा रही थी। राज्य के अलग-अलग जिलों से लगभग चार हजार पुलिस के जवान यहां तैनात किये गये थे। लेकिन समिट खत्म होने के बाद से अचानक सब कुछ बदल गया और राजधानी फिर पुराने रास्ते पर लौट आयी। रविवार को छोड़ जाम से हररोज सड़क पर गाड़ियां रेंग रही हैं। अपराधकर्मी हत्या, छिनतई और चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर आराम से फरार हो जा रहे हैं। आपराधिक घटनाओं पर शहर में लगाम लगाना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। शहर के किसी भी क्षेत्र में बाईकर्स झपट्टामार आराम से चेन और मोबाईल झपटकर फरार हो जा रहे हैं। वही चाकूबाजी का भी मामला आए देखने को मिल रहा है।
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