♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का ऑनलाइन उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा- भारत की जनजातीय परम्पराओं और इसकी शौर्य गाथाओं को अब और भी भव्य पहचान मिलेगा। कहा, सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है कि आज से हर वर्ष देश 15 नवम्बर अर्थात भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाएगा। प्रधानमंत्री ने देश के जनजातीय समाज, भारत के प्रत्येक नागरिक को भगवान बिरसा मुंडा स्मारक उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “ये संग्रहालय, स्वाधीनता संग्राम में जनजातीय नायक-नायिकाओं के योगदान का, विविधताओं से भरी हमारी जनजातीय संस्कृति का जीवंत अधिष्ठान बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम का उद्देश्य भारत की सत्ता, भारत के लिए निर्णय लेने की अधिकार-शक्ति भारतीयों के हाथों में स्थानांतरित करना है। इसके अलावा ’धरती आबा’ की लड़ाई भी उस सोच के खिलाफ थी जो भारत के जनजातीय समाज की पहचान मिटाना चाहती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि “भगवान बिरसा ने समाज, संस्कृति और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इसलिए, वे आज भी हमारी आस्था में, हमारी भावना में हमारे भगवान के रूप में उपस्थित हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती आबा बहुत लंबे समय तक इस धरती पर नहीं रहे, लेकिन उन्होंने जीवन के इस छोटे से कालखंड में देश के लिए एक पूरा इतिहास लिखा और भारत की आनेवाली पीढ़ियों को दिशा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के सभी निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर रांची स्थित कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, मंत्री चंपई सोरेन उपस्थित थे।
आज का दिन ऐतिहासिक : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा , 15 नवंबर यानी आज के ही दिन “धरती आबा“ भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाते आ रहे हैं। आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है क्योंकि आज राजधानी रांची के पुराने जेल परिसर में “भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय“ का उद्घाटन हुआ है। इस परिसर को राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के प्रयास से एक नया रूप मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस परिसर को एक ऐतिहासिक चिन्ह बनाते हुए राज्य के कई आंदोलनकारी स्वतंत्रता सेनानियों और समाज के अगुआ लोगों का एक संग्रहण तैयार किया है, जिसके माध्यम से आने वाली पीढ़ी को बीते वक्त के इतिहास से अवगत कराया जा सकेगा।
केन्द्र और राज्य के बीच रहा समन्वय : अर्जुन मुंडा
केंद्रीय जनजातीय कार्य मामले मंत्री अर्जुन मुंडा ने धन्यवाद संबोधन में रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय की परिकल्पना, उद्देश्य, केंद्र एवं राज्य सरकार से समन्वय तथा सहयोग से संबंधित विषयों पर विस्तृत जानकारी साझा की।
भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय की खासियत..
झारखंड राज्य की राजधानी रांची में स्थित पुराने जेल परिसर का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार करते हुए इस परिसर को “भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय“ के रूप में कुल 142.31 करोड़ रुपए राशि से विकसित किया गया है। जिसमें 117.31 करोड़ रुपए झारखंड सरकार की ओर से एवं 25 करोड़ रुपए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रदान की गई है। इस परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 30 एकड़ है, जिसके लगभग 25 एकड़ भाग में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान का विकास एवं निर्माण किया गया है, वहीं शेष लगभग 5 एकड़ में अवस्थित भगवान बिरसा मुंडा जेल का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार कार्य करते हुए इसे संग्रहालय के रूप में विकसित किया गया है।
★आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं का है संगम
भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय के अंतर्गत परिसर में विशेष आकर्षक साज-सज्जा, बागवानी, म्यूजिकल फाउंटेन, फूड कोर्ट, चिल्ड्रन पार्क, इंफिनिटी पुल, पार्किंग तथा अन्य सामुदायिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है।
★भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा
जेल परिसर के बाहर “भगवान बिरसा मुंडा“ की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इस पूरे परिसर में लेजर और लाइट शो, चित्रपट एवं म्यूजिकल फाउंटेन, के माध्यम से जनजातीय क्रांति एवं झारखंड के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के जीवनी एवं संघर्षों को प्रदर्शित किया जाएगा।
★इन जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की भी प्रतिमा स्थापित
मुख्य भवन के आगे प्रांगण में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की 9 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित गई की गई है। जिनके नाम इस प्रकार हैंः- गंगा नारायण सिंह, पोटो हो, भागीरथी मांझी, वीर बुधु भगत, तेलंगा खड़िया, सिदो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर, दिवा-किसुन, गया मुंडा एवं टाना भगत।
★झारखंड के इन धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की मिलेगी जानकारी
म्यूजिकल फाउंटेन और वाटर स्क्रीन शो के द्वारा झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों यथा बाबा धाम मंदिर देवघर, चतरा का भद्रकाली इटखोरी मंदिर, रामगढ़ स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर, और गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में झारखंड की लोक आस्था, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के संदर्भ में जागरूकता का संचार पैदा करना है। जिससे कि लोग झारखंड की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहरों एवं कला को संरक्षित करने के लिए प्रेरित होंगे।
इनकी रही मौजूदगी
उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर रांची सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, समीर उरांव, विधायक सी.पी.सिंह, रांची मेयर श्रीमती आशा लकड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव के.के.सोन, राज्य सरकार के अन्य वरीय पदाधिकारीगण सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।