♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची : झारखंड में वर्ष-2008 में हुए व्याख्याता नियुक्ति घोटाला मामले में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में सरेंडर कर दिया। इसके बाद अदालत द्वारा उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इससे पहले राधा गोविंद नागेश की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इन्कार कर दिया था। सीबीआई ने व्याख्याता नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी करते हुए सितंबर 2019 में जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, तत्कालीन सदस्य राधा गोविंद नागेश, गोपाल प्रसाद सिंंह, शांति देवी परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी एवं 63 अभ्यार्थियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि व्याख्याता नियुक्ति घोटाला मामले की सीबीआई वर्ष 2013 से शुरू हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में सीबीआइ की जांच तेज हो गई थी। दाखिल चार्जशीट में कॉपी व मार्कशीट में नंबर बढ़ाने के आरोपों की फॉरेंसिक लैब की जांच में ओवरराइटिंंग की पुष्टि हुई है। मिलीभगत करते हुए कई अभ्यार्थियों को सफल घोषित करने के लिए कॉपी व मार्कशीट में छेड़छाड़ की गई है। राधा गोविंंद नागेश इससे पूर्व भी जेपीएससी नियुक्ति घोटाले के अन्य मामले में जेल जा चुके हैं।