♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में स्थानीय एवं नियोजन नीति तथा अन्य ज्वलंत मसलों को लेकर राजभवन के समक्ष महाधरना दिया गया। संयुक्त मोर्चा की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया। इससे पहले डाक्टर करमा उरांव की ओर से रखे गये इन प्रस्तावां सभी की सहमति से पारित किया गया।
पारित प्रस्ताव
स्थानीय एवं नियोजन नीति परिभाषित की जाए, जिसमें 1932 खतियान या अंतिम सर्वे रिकार्ड को प्रमुख आधार बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा राज्य की मुख्य भाषा, संस्कृति ,जीवनशैली एवं परम्पराओं की जानकारी भी प्रमुख शर्तों में होनी चाहिए।
भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की स्थापना की जाये।
स्थानीय और नियोजन नीति अविलंब परिभाषित की जाये और राज्य में रिक्त पङे विभिन्न संवर्गीय पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया विधि सम्मत शुरू होनी चाहिए।
जेपीएससी की वर्तमान संयुक्त परीक्षा में भारी अनियमितता बरती गई है। परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ जेपीएससी अध्यक्ष को तत्काल हटाया जाना चाहिए।
राज्य में विस्थापन और पुर्नस्थापन आयोग का गठन,मॉब लीन्चिंग के लिए कड़े कानून बनायें जाये।मछुआरा एवं अन्य सीमांतक जातियों के आर्थिक विकास के लिए नीति बनाई जाये। इसके अलावा भी कई मांगे की गयीं।
डाक्टर करमा उरांव विभिन्न संगठनों के जनप्रतिनिधि को एकजुटता बनाये रखने की अपील की। मंच का संचालन संगठन के सक्रिय सदस्य अंतु तिर्की और धन्यवाद ज्ञापन बलकू उरांव ने किया।
इनकी रखी मौजूदगी
महाधरना में मुख्य रूप से उपस्थित अंतू तिर्की, प्रेम शाही मुंडा, राजू महतो,आजम अहमद,फूलचंद तिर्की, शिवा कच्छप,लोहरमेन उरांव, बहुरा उरांव, माधो कच्छप, विभय नाथ शाहदेव,प्रवीण देवघरिया, रमजान कुरैशी,उत्तम लाल,चरण केवट,धर्म दयाल साहू, बहुरा एक्का, डाक्टर मुजफ्फर हुसैन,गीता लकड़ा, निरंजना हेरेंज टोप्पो, शिव प्रसाद साहू, प्रेम चन्द्र मुर्मू, एस अली, बलकु उरांव, सुनिल सिंह, सुबोध दांगी,सुशांत मुखर्जी, अभय भुटकुंवर, रामपोदो महतो,देवसहाय मुंडा,संजय तिर्की, गोविन्द बेदिया,चामु बेक,शिव शंकर महतो,रिंकू खान, प्रवीण सहाय,सुभाष, अनिल दयाल, शैलेशवर दयाल,अरविन्द देवघरिया,इजराइल खालिद, कृष्णा मुंडा,सोनू तिर्की, सूर्या तिर्की हरीश मुंडा, इसरार आलम,प्रणव कुमार बबबू विशेष रूप से घाटशिला से चलकर आये झारखंड आंदोलनकारी सुर्य सिंह बेसरा जी एवं अन्य उपस्थित लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।
12 मार्च को रांची में महारैली
निर्णय लिया गया की 12 मार्च 2022 को उक्त मांगो के अतिरिक्त झारखंड के अन्य मसलों को लेकर राज्य की राजधानी रांची में एक विशाल रैली के आयोजन की घोषणा की। 15 जनवरी 2022 को सामाजिक संगठनों की प्रतिनिधि सभा और 12 मार्च 2022 को आदिवासी मूलवासी की महारैली की घोषणा की गई।