उरांव जनजातीय समाज की ओर से हरमू मसना स्थल में पूर्वजों को दी गयी श्रद्धांजलि

♦Laharnews.com Correspondent♦
   रांची : रांची के चडरी मौजा के उरांव जनजातीय समाज की ओर से हरमू मसना स्थल में हड़गड़ी मसना पूजा पारंपरिक विधि विधान के साथ किया गया। चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने कहा कि हड़गड़ी मसना पूजा आदिकाल से होता आ रहा है। हड़गड़ी पूजा के दिन हड़गड़ी मसना स्थल की साफ सफाई कर वहां गोबर का लेप किया जाता है। साथ ही साथ आपने आपने पूर्वजों को अगरबत्ती व धूवन कर तेल, टीका, सिंदूर कर पकवान उड़द, भात, पुआ एवं पुष्प अर्पित किये जाते हैं। पूर्वजों को याद कर परिवार के लिए सुख समृद्धि हो इसकी कामना की गई। चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा – आदिवासियों की पहचान उनकी धर्म-संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज है। उन्होंने कहा- पौष महीने में उरांव जनजाति समाज के लोग हड़गड़ी मसना पूजा आदिकाल से करते आ रहे हैं। माघ महीना में मुंडा समाज के लोग हड़गड़ी पूजा करते हैं।
हड़गड़ी मसना पूजा में मुख्य रूप से चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा चडरी सरना समिति के मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा, चिकू लिन्डा, लालू लिन्डा, महेंद्र लिंडा, मोलू मुंडा, अनूप लिंडा, आनंद लिन्डा, अनुज लिन्डा, सुनीती लिन्डा, मीना लिन्डा, पूनम लिन्डा, बबली लिन्डा, नीतू लिन्डा, मंजू लिन्डा, सीमा लिन्डा,बादल लिन्डा, शकंर लिन्डा, प्रदीप मुंडा आदि उपस्थित थे।

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