स्वर कोकिला लता मंगेशकर के व्यक्तित्व को शब्दों में बयां करना बहुत आसान नहीं है। उनके जीवन में कई उतार-चढाव आये। लेकिन आज उनकी आवाज हमेश-हमेशा के लिए खामोश हो गयीं।
92 वर्षीय लता मंगेशकर ने आज सुबह 8.12 बजे अपनी आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर के निधन की खबर से ना सिर्फ सिनेमा जगत बल्कि भारत का आम से लेकर खास तक हर कोई शोक में है। आपको जानकार हैरानी होगी कि लता मंगेशकर एक क्लास भी स्कूल से नहीं पढ़ी हैं, लेकिन विश्व के 6 विश्वविद्यालयों से उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई है।
लता मंगेशकर के पांच भाई- बहन है और उनमें से दीदी सबसे बड़ी थीं। उनकी बहनों का नाम आशा, मीना, ऊषा हैं और भाई हृदयनाथ मंगेशकर है। उनके जीवन के किस्से काफी रोचक है। अन्य बच्चों की तरह लता दीदी भी पढ़ने के लिए स्कूल गई थी लेकिन एक घटना के बाद उन्होंने फिर स्कूल जाना ही छोड़ दिया था।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ। लता मंगेशकर के पिता का निधन 1942 में हुआ था, इस समय उनकी उम्र 13 साल थी और परिवार की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी । लता मंगेशकर परिवार में सबसे बड़ी बेटी थीं और किसी को अकेले कमाने वाले की मृत्यु के बाद परिवार की देखभाल की।
उन्होंने अभिनेत्री के रूप में शुरुआत की और बाद में वे वह शख्सियत बनीं जिसे हम सभी एक महान गायिका के रूप में जानते हैं। लता मंगेशकर कभी स्कूल क्यों नहीं गईं, इसकी एक कहानी यह भी है कि स्कूल के पहले दिन लता मंगेशकर बच्चों को गायन सिखा रही थीं और जब शिक्षक ने उन्हें ऐसा करने से रोका, तो वह उसके बाद कभी स्कूल नहीं गईं।
लता मंगेशकर अपनी छोटी बहन आशा भोंसले को कभी-कभी अपने साथ स्कूल ले जाया करती थीं और इसकी अनुमति नहीं थी। उसे अपनी बहन को अपने साथ स्कूल नहीं ले जाने दिया गया, उसने अगले दिन स्कूल छोड़ दिया।
भारत रत्न लता मंगेशकर के स्कूल न जाने का कारण चाहे जो भी हो, हममें से किसी के पास जितनी डिग्री हो सकती है, उससे कहीं अधिक उन्होंने पाईं। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को दुनिया के छह विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की डिग्री दी है। अपने पूरे करियर के दौरान, उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां लता मंगेशकर को मिलीं।