♦Himanshu Shekhar ♦
रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला के पांचवे मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के मौजूदा अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित 75 अभियुक्तों को रांची की सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
चारा घोटाला का यह मामला रांची स्थित डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत ने मंगलवार को 99 अभियुक्तों में चार महिला सहित 35 को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई। वहीं, लालू प्रसाद, पूर्व सांसद डा. आरके राणा समेत 40 की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तिथि निर्धारित की। उम्मीद जताई जा रही है कि सजा के बिंदु पर सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।
दोषी करार दिए जाने के बाद वह न्यायिक हिरासत में ले लिए गए, जिसके बाद पहले वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार फिर स्वास्थ्य कारणों से राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) भेज दिए गए। करीब साढ़े नौ महीने बाद लालू फिर न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 24 आरोपियों के मामले से बरी कर दिया। इस मामले में 10 महिलाएं सहित 99 लोगों के खिलाफ मामला चल रहा था।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार उन्हें पूर्व में जैसी सजा सुनाई गई है और उन पर जो धाराएं हैं, उसके आधार पर उन्हें तीन से दस साल के बीच की सजा हो सकती है।
चारा घोटाला में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू प्रसाद, डा. आरके राणा एवं डा केएम प्रसाद की ओर से खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत में आवेदन दिया गया। अदालत ने दोपहर बाद दो बजे आवेदन पर सुनवाई करते हुए जेल अधीक्षक को परिस्थिति के अनुसार चिकित्सक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके बाद लालू प्रसाद यादव कोर्ट से सीधे जेल पहुंचे और वहां औपचारिकता पूरी करने बाद जेल प्रशासन ने उन्हें रिम्स भेज दिया। रिम्स में उन्हें पेइंग वार्ड के पहले तल्ले में ए-11 काटेज में रखा गया है।