जयपाल सिंह मुंडा को पुण्यतिथि पर दी गयी श्रद्धांजलि, आंदोलनकारियों की पहचान की मांग

♦Laharnews.com Correspondent♦

रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा, पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में झारखंड आंदोलनकारी मिलन समारोह का आयोजन नवामुंडी के कुतिंका गांव में किया गया। समारोह में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 52 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। साथ ही गोवा गोलीकांड व झारखंड आंदोलन में शहीद हुए आश्रितों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर संघर्ष मोर्चा द्वारा मांग की गई कि सभी आंदोलनकारियों को सरकार जल्द से जल्द चिन्हित कर नौकरी और मान-सम्मान, पहचान प्रदान करे।
आंदोलनकारियों की पहचान अहम: भुनेश्वर महतो
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के सदस्य भुनेश्वर महतो ने कहा – झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का दायित्व सरकार ने मुझे दिया है यह मेरे लिए गौरव है। आंदोलनकारियों को मान-सम्मान पहचान मिलना चाहिए। राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के लिए 5 फीसदी आरक्षण तथा पेंशन राशि में बढ़ोतरी कर उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सही आंदोलनकारी छूटे नहीं और गलत जुटे नहीं ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
आंदोलनकारी कॉरिडोर का हो निर्माण: राजू महतो
विशिष्ट अतिथि राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के चिन्हित का कार्य जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। आंदोलनकारियों से ही राज्य का गौरव है लेकिन आज झारखंड आंदोलनकारी इस माय माटी की सरकार में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आंदोलनकारी कॉरिडोर निर्माण की मांग की।
इन्होंने भी रखे अपने विचार
केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो  ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों की पहचान कार्य के मिले मौके को अवसर में बदलकर गौरवशाली इतिहास स्थापित करें।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा पश्चिम सिंहभूम के अध्यक्ष आसमान सुंडी ने कहा कि सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करें।
झारखंड आंदोलनकारी एवं पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंगोंगा कहा- दुर्भाग्य है कि दुर्भाग्य है कि आंदोलनकारियों को पहचान, मान- सम्मान के लिए एक बार और आंदोलन करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम का संचालन इज़रार राही व जयंती कैरम, स्वागत भाषण अंबिका दास व धन्यवाद ज्ञापन गौतम मिंज ने किया। मौके पर केंद्रीय सचिव सारोजनी कच्छप, विनीता खलखो, अशोक वर्मा, नवाज़ हुसैन, विश्वजीत प्रमाणिक ने भी विचार व्यक्त किए।

इन लोगों की रही मौजूदगी
कार्यक्रम में सुरेश लागुरी, रेशमी तिरिया, नरपति लागुरी, सानू सवैया, अंबिका दास, नवाज़ हुसैन, सावित्री लागुरी, जस्मनी जेराई, राम सिरका,उपेन्द्र लागुरी, मोरन सिंह लागुरी, कृष्ण चन्द्र बोयपाई, मंगल केराई, चंद्र मोहन चंपिया, नरेंद्र चातोब्बा, शारदा तिरिया, शंकर तिरिया, भुनेश्वर गोप, सुरेश रकैत, पानी लागुरी, बामिया सुरेन, अजय शांडिल, बैथनाथ लागुरी, राइमुनी सिरका, बेन सिंह बोयपाई, सुंदर लाल चातो, लक्ष्मी नारायण पूर्ति, माहती मुंडा, पतार बोयपाई, रोया पूर्ति मौजूद थे।

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