श्रीलंका इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। चीन के चक्कर में पड़कर इस देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से तबाह बर्बाद हो चुकी है। आर्थिक तंगी और दिवालिए के कगार पर खड़े देश की आवाम सत्ताधारियों के रवैये से परेशान होकर सड़क पर हिंसक प्रदर्शन कर रही है। राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया जा चुका है। खुद को बचाने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे राजभवन छोड़कर दूसरे जगह पर भाग चुके हैं। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का भी इस्तीफा हो चुका है। शाम होते-होते गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विक्रमसिंघे के निजी आवास को भी आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही वहां सर्वदलीय प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे आज अपने आधिकारिक आवास से इसलिए भाग गए क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर उनके आवास पर कब्जा कर लिया। उधर, पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने आपात बैठक बुलाई और इस्तीफा देने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि वे सर्वदलीय सरकार बनाने के पक्ष में है। इस हंगामे के बीच श्रीलंकाई नौसेना के जहाज का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में तीन लोग सूटकेस लोड कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया का दावा है कि सूटकेस राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के हैं।
श्रीलंका को आईएमएफ से भी लोन नहीं मिल रहा है। आईएमएफ ने चीन से मिली कर्ज राशि का पूरा ब्योरा मांगा है, जिसे बताने में श्रीलंका कतराता रहा है। अब श्रीलंका की ओर से बताया गया है कि चीन से उसे करीब 10 करोड़ डॉलर मिले हैं। हालांकि श्रीलंका की बातों पर कोई यकीन नहीं कर रहा है। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।