♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा केन्द्र में आज झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर जश्न मनाया गया और एक गोष्ठी भी आयोजित की गयी।
शोषितों के संघर्ष की जीत: प्रो गौरी शंकर झा
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकायाध्यक्ष प्रो गौरी शंकर झा ने कहा कि झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर आदिवासी समाज के लोगों में काफी खुशी है। उनका राष्ट्रपति बनना दबे, कुचले, शोषितों के संघर्ष की जीत है। पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में उनका राष्ट्रपति बनना हर वर्ग के लिए गौरव की बात है।
टीआरएल केन्द्र के कायाकल्प में अहम भूमिका: डॉ हरि उरांव
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा केन्द्र के समन्वयक डॉ हरि उरांव ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल सह कुलाधिपति के राष्ट्रपति बनने पर कहा कि उनकी जीत से समाज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। खासकर के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा केन्द्र का कायाकल्प उनके ही प्रयासों से हुआ है। इस केन्द्र के प्रति उनका विशेष स्नेह रहा। उन्होंने कहा कि सर्वाेच्च पद पर आसीन होने से हम सभी
ऐतिहासिक घटना है: डॉ उमेश नंद तिवारी
नागपुरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जीवन काफी दुख भरा रहा है। पारिवारिक दुखों को सहते हुए, बगैर विचलित हुए देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई हैं। यह घटना अपने आप में ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि टीआरएल विभाग के जीर्णाेद्धार में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। वे हमेशा इस विभाग के प्रति चिंतित रहती थीं। मातृभाषाओं के प्रति उनका झुकाव सहज ही देखा जा सकता है।
नयी परंपरा की हुई शुरूआत: नलय राय
मुण्डारी विभागाध्यक्ष नलय राय ने कहा कि आदिवासी समुदाय की महिला के राष्ट्रपति बनने से एक नयी परम्परा की शुरूवात हुई है। देशज संस्कृति को पूरे देश में स्थापित करने से अब कोई रोक नहीं सकता है।
आदिवासी समाज और सभी के लिए गौरव का क्षण: डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो
प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस दौरान किसी आदिवासी महिला का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना बेहद खास है। किसी आदिवासी के राष्ट्रपति बनने पर आदिवासी समाज के लिए यह गौरव का विषय तो है ही इसके साथ ही श्रीमती मुर्मू के द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों के अनुभव का फायदा भी समाज को मिलेगा।
टीआरएल विभाग के सजगता: दिनेश
प्राध्यापक दिनेश कुमार दिनमणी ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू टीआरएल विभाग के प्रति हमेशा सजग रही और अपना स्नेह बरसाती रहीं। झारखंड की भाषा संस्कृति के सम्मान के लिए सदैव तत्पर रहीं। उन्होंने कहा कि राजभवन में सरहुल और करम पर्व के अवसर पर एक नयी परम्परा की शुरूआत की।
द्रौपदी मुर्मू के जीवन से हमें भी प्रेरणा मिलती है: डॉ मेरी एस सोरेंग
खड़िया विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. मेरी एस सोरेंग ने आदिवासी समुदाय की महिला के देश के सर्वाेच्च पद पर आसीन होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू कठिनाइयों को पार करते हुए इस मुकाम तक पहुँची है। हमें भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना होगा.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त कदम: डॉ. दमयन्ती
डॉ. दमयन्ती सिंकु ने कहा कि आदिवासी महिला के देश के सर्वाेच्च पद पर आसीन होने से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम है. इससे निचले तबके की महिलाओं को बल मिलेगा, उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
इनकी रही मौजूदगी
इस मौके पर प्राध्यापक डॉ कुमारी शशि, डॉ राम किशोर भगत, मनय मुण्डा, तारकेश्वर सिंह मुण्डा, किशोर सुरीन, डॉ रीझु नायक, डॉ किरण कुल्लू, रमाकांत महतो, नरेन्द्र कुमार दास, डॉ उपेन्द्र कुमार, जय प्रकाश उराँव, प्रेम मुर्मू के अलावा विभाग के अन्य सहायक प्राध्यापक व शोधार्थी मौजूद थे।