रांची विवि:यूजीसी नियम के अनुसार हो अतिथि और संविदा घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति, निश्चित मानदेय तय करने की रखी मांग

रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक संघ एवं अनुबंध सहायक प्राध्यापक संघ तथा वोकेशनल शिक्षक संघ की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि घंटी आधारित शिक्षकों को निश्चित मानदेय के बाद ही अतिथि शिक्षकों की नयी नियुक्ति होनी चाहिए।


♦Laharnews.com Correspondent ♦
रांची: रांची विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षक संघ एवं अनुबंध सहायक प्राध्यापक संघ तथा वोकेशनल शिक्षक संघ की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि घंटी आधारित शिक्षकों को निश्चित मानदेय के बाद ही अतिथि शिक्षकों की नयी नियुक्ति होनी चाहिए। इन शिक्षकों ने कहा कि हम नहीं चाहेंगे कि हमारे जैसा बुरा हाल नये नियुक्त होने वाले शिक्षकों का भी हो। इस सिलसिले में रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एमसी मेहता ने मिलकर एक मांग-पत्र भी उनके कार्यालय को सौंपा गया। यूसीजी नियमों का हवाला देते हुए कहा संघों के प्रतिनिधियों की ओर से यूसीजी नियमों का हवाला देते हुए बताया गया कि विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों का मानदेय नियमित शिक्षकों के न्यूनतम वेतनमान (57700) से कम नहीं होना चाहिए। लेकिन यहां हालत यह है कि मौजूदा समय में अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को प्रति कक्षा 600 रुपये और अधिकतम 36000 रूपये व अतिथि शिक्षकों को प्रतिकक्षा 500 रुपये तथा अधिकतम 30000 रुपये मानदेय का प्रावधान करते हुए यूजीसी नियमों की राज्य सरकार और विवि दोनों मिलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।

इस बीच आरोप लगाया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से घंटी आधारित शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया,उन्हें बैठने के लिए जगह नहीं दी गई और विवश होकर वे जमीन में बैठकर कुलसचिव के समाने अपनी मांगे रखनी पड़ी। वार्ता के दौरान रांची विवि प्रशासन से कहा गया कि 10 अक्टूबर को होने वाली अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी 2018 के नियम अनुसार होनी चाहिए, जिसके तहत एक निश्चित मानदेय 57,700 भुगतान करने का निर्देश है।
किसने क्या कहा
अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2015-16 कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों की जो दुर्दशा है, वही दुर्दशा आने वाले अन्य अभ्यर्थियों की भी ना हो इसलिए विश्वविद्यालय को 2018 यूजीसी के नियम के अनुसार नियुक्ति करनी चाहिए।
अनुबंध अध्यापक संघ के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ निरंजन महतो ने कहा अतिथि शिक्षक से समय एवं सम्मान दोनों की बर्बादी होती है। अनुबंध अध्यापक संघ रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ त्रिभुवन शाही ने कहा हमारा राज्य, हमारा राज और हम अतिथि कैसे, नियुक्ति हो तो स्थाई हो अन्यथा ना हो।
संघ के सदस्य डॉ अमित कुमार ने कहा की एक विश्वविद्यालय में एक प्रकार के कार्य के लिए अलग-अलग वेतन क्यों। जब नियुक्ति यूजीसी के नियमानुसार की जा रही है तो मानदेय की राशि भी यूजीसी के अनुसार ही करना चाहिए।
संघ के उपाध्यक्ष डॉ नरेंद्र कुमार दास ने कहा यदि नियुक्ति को स्थगित नहीं कराया जाए तो हम सभी लोहरदगा जा कर के नियुक्ति को प्रभाव डालेंगे। डॉ रामकुमार तिर्की ने कहा यदि अभी कार्यरत किसी भी अतिथि शिक्षक एवं संविदा शिक्षकों का हस्तांतरित एवं कार्यविहीन कराया जाता है तो सभी शिक्षक सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। मांगपत्र सौंपने वाले प्रतिनिधियों में अनिकेत, आलोक, अवधेश, नाजिश, मनीष, आशीष, रामकुमार, अनुश्री, लक्ष्मी, निशा, संगीता, बिंदेश्वर, हर्षवर्धन, सत्यम, विकाश, अनल, वरुण, इत्यादि शिक्षक मौजूद थे।

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