♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में आंदोलनकारियों की पहचान के लिए जेल जाने की शर्त की बाघ्यता खत्म करने सहित मान-सम्मान, पहचान, नियोजन, पेंशन, सहित 11 सूत्री लंबित मांगों के समर्थन में बुधवार को मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समीप प्रतिमा पर केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो व अन्य आंदोलनकारयों ने सत्याग्रह किया। इसकी अध्यक्षता करते हुए महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का धैर्य अब खत्म हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान में अबतक गंभीरता नहीं दिखलाई है। महतो ने कहा कि 15 नवंबर तक झारखंड आंदोलनकारियों की जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को समान रूप से मान-सम्मान, नियोजन, पेंशन आदि को देने की ठोस कार्रवाई करें। अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन होगा। मांग की गयी कि झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याओं को कैबिनेट से पास कर विधानसभा के विशेष सत्र में पेश कर इसे पारित किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय सचिव कयूम खान ने कहा कि आंदोलनकारियों के कारण ही राज्य में हमारी पहचान है। प्रत्येक आंदोलनकारी अपनी पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं।
वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी की स्थिति आज हाशिए पर हैं। लगातार अपने मान-सम्मान की लड़ाई के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है।
केन्द्रीय उपाध्यक्ष किशोर किस्कू ने कहा कि आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप झारखंड अलग राज्य को गढ़ने का काम करें। केन्द्रीय सचिव प्रेम मित्तल ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी आज अपने अलग राज्य में परदेशी की भूमिका में जीवन यापन कर रहे हैं। यह सबसे दुखद स्थिति है। इस अवसर पर राम लखन महतो, इसरार अहमद, प्रफुल तत्वा, रूपलाल महतो, पार्वती चरण महतो, बेदेशी महतो, सिमडेगा जिला अध्यक्ष भुनेश्वर सेनापति, सुरेंद्र प्रसाद, विनिता खलखो, जहांआरा बेगम, बालोमुनी बाखला, कालीचरण महतो, संयोजक गोपाल रवानी, सरजीत मिर्धा, र्जाफर खान, सुखदेव उरांव, लाल अजय नाथ शाहदेव, सांसद प्रतिनिधि नरेश महतो, धनबाद जिला अध्यक्ष शिवशंकर शर्मा आदि शामिल थे। मौके पर एरेन कच्छप, उषा रानी लकड़ा, सुमित्रा देवी, विन्दिया देवी, छत्रपति महतो, फागू महतो, जोहरन बीबी, सुरेश कुमार महतो, स्वानंद कोटवार, जितेन्द्र नाथ महतो, कुमार महतो, सीताराम तूरी, खलारी महतो, समेत बड़ी संख्या में झारखंड आंदोलनकारी मौजूद थे। सत्याग्रह के उपरांत झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने राजू महतो (कार्यकारी अध्यक्ष), अश्वनी कुजूर (उपाध्यक्ष), किशोर किस्कू (उपाध्यक्ष), कयूम खान (सचिव), बिनिता खलखो (सचिव), भुवेश्वर केवट (सचिव) द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र सरकार को सौंपा गया।