♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 आधारित स्थानीय नीति और आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर दिया गया। इस विधेयक के अनुसार वे लोग झारखंड के स्थानीय या मूल निवासी कहे जाएंगे जिनका या जिनके पूर्वजों का नाम 1932 या उससे पहले के खतियान में दर्ज होगा।
दूसरी ओर ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दी गयी है। अब झारखंड में कुल 77 फीसदी आरक्षण हो गया है। अब झारखंड में अनुसूचित जनजाति को 28 फीसदी, पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी और अनुसूचित जाति को 12 फीसदी आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक-2022 को सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में रखा। चर्चा के बाद 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति ध्वनि मत से पास कर दिया गया।