♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के तत्वावधान में मेकॉन कॉलोनी स्थित त्रिमूर्ति चौक पर डोमिसाइल आन्दोलन में शहीद हुए सर्ताेष कुंकल, विनय तिग्गा, कैलाश कुजूर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। वक्ताओं ने कहा कि उनकी शहादत 1932 के खतियान की मांग को लेकर ही आंदोलन के दौरान हुई थी।
इस मौके पर मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष राजू महतो ने कहा – झारखण्ड के प्रबुद्धजनों स्व डॉ आरपी साहु, स्व विशप निर्मल मिंज, स्व लाल काशीनाथ साहदेव, स्व डॉ सुशील केरकेटटा,स्व डॉ वीपी केशरी, स्व डॉ गिरधारी राम गंझु समेत सैकड़ो लोगों ने स्थानीयता के लिए 1932 खतियान को लागू करने की मांग की थी। महतो ने कहा- अब इसे संसद से पारित कराकर 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां कदम उठाये।
मंच के उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक एवं सरजन हॉसदा ने कहा कि 1932 के खतियान की मांग को लेकर शहादत तक दी गयी। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। रंजीत उरांव ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में धन्यावाद ज्ञापन प्रवक्ता सुबोध डॉगी ने किया । कार्यक्रम में केन्द्रीय सचिव डा०मुजफर हुसैन,महिला अध्यक्ष विनिता खलखों, कोषध्यक्ष गोपाल महतों, ऐरेन कच्छप, नगर अध्यक्ष सदाजय नायक, नवीन कच्छप, विजय साहु,रोहित ठाकुर, प्रवीण सहाय, सोमा सिंह, स्तुती लकड़ा, समीर उरॉव समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे ।