रूस का मिशन मून रविवार को विफल हो गया। रविवार दोपहर लूना-25 चांद की धरती से टकराकर क्रैश हो गया। इसके साथ ही 47 साल बाद चांद पर फतह हासिल करने का रूस का सपना टूट गया।
रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोमोस ने बताया कि मानवरहित लूना-25 स्पेसक्राफ्ट बेकाबू होकर चंद्रमा की सतह से टकरा गया। सोमवार को लूना को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, मगर वह इसे अंजाम देने से पहले ही क्रैश हो गया। लूना को चांद के साउथ पोल पर लैंड करना था। चंद्रमा के इस हिस्से में आज तक किसी भी देश की स्पेस एजेंसी ने अपने स्पेसक्राफ्ट को लैंड नहीं किया है। हालांकि भारत का चन्द्रायन -3 इसी महीने के 23 अगस्त को वहां लैंड करने वाला है और भारत के इस मून मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं।
रूस की स्पेस एजेंसी ने बताया कि चांद पर लैंडिंग से पहले ऑर्बिट में भेजने के वक्त भी स्पेसक्राफ्ट में समस्या आई थी। शनिवार को स्पेसक्राफ्ट से संपर्क भी टूट गया। रोस्कोमोस ने कहा था कि लूना को असमान्य परिस्थिति का सामना करना पड़ा। ऐसे में ये साफ हो गया था कि लूना को चंद्रमा की सतह पर लैंड करने में परेशानी आने वाली है। ये बात रविवार को स्पष्ट हो गई, जब लूना क्रैश हो गया।