♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में एक दिवसीय टुसु मिलन समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) तपन कुमार शांडिल्य ने टुसु पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टुसु धान का स्वरूप है, जिसे पाँच परगना में लखी मां का प्रतीक माना जाता है। इसकी उत्पत्ति कृषि सभ्यता के विकास के साथ जुड़ा हुआ है ,जो हमारे अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार के रूप में माना जाता।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. नमिता सिंह ने वर्तमान पीढ़ी से कृषि की गरीमा को समझने की बात कही।
विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ. एस. एम. अब्बास ने कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति विविधताओं से भरी है, टुसु में इसकी झलक मिलती मिलती है।
टुसु कथावाचक के रूप में कुड़मालि विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. निताई चंद्र महतो ने ने टुसु पर विस्तार से प्रकाश डाला।
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस मिलन समारोह में परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशिष कुमार गुप्ता, मानवविज्ञान विभाग के डॉ. अभय सागर मिंज, आयोजक समिति के सदस्य हिंदी विभाग के डॉ. जिंदर सिंह मुंडा, डॉ. जितेंद्र सिंह, जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के कोर्डिनेटर व खोरठा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार, कुडँ़ुख़ विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रामदास उरांव, कुड़मालि के विभागाध्यक्ष डॉ. परमेश्वरी प्रसाद महतो, बीएड. विभाग के डॉ. अरविंद कुमार मौर्या, डॉ. पारितोष मांझी, मानविकी संकायाध्यक्ष के डॉ. अयुब खान, इइएल विभाग के कॉर्डिनेटर डॉ. विनय भरत, विश्वविद्यालय के कई शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी, शोधार्थी – सत्येंद्र नाथ साहू, राजेश महतो, छात्र नेता बब्लु महतो, अमनजीत, कमलेश महतो एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
मंच संचालन विभाग के शोधार्थी अशोक कुमार पुराण एवं रूपेश कुमार कुशवाहा ने किया । धन्यवाद ज्ञापन पंचपरगनिया विभाग के सहायक प्राध्यापक लक्ष्मीकांत प्रमाणिक ने किया।