रांची : झारखंड सरकार के वाणिज्यकर विभाग की ओर से शनिवार को चैंबर भवन में जीएसटी जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभाग के संयुक्त आयुक्त (रांची प्रमंडल) रामचंद्र प्रसाद वर्णवाल, पश्चिमी अंचल के सहायक आयुक्त बीडी भगत तथा गोपाल तिवारी ने वस्तु एवं सेवाकर के प्रावधानों से व्यवसाय और उद्योग जगत को अवगत कराया।
कारोबारियों को परेशानी नहीं होगी : आरबी वर्णवाल
वाणिज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त आरबी वर्णवाल ने कहा कि जीएसटी में जो बदलाव हुए हैं, वह पूरी तरह सरल और बिजनेस फें्रडली है। कहीं से भी व्यवसायियों को किसी तरह की परेशानी नहीं है। सभी चेक पोस्ट हटा दिये जायेंगे और सभी प्रकार के फॉर्म को भी हटा दिया गया है। जैसे ही आप पर्चेज करते हैं, चाहे अन्य राज्य से क्यों नहीं खरीदे गये हों, पोर्टल में आपके द्वारा दिया हुआ जीएसटी आपके इनपुट कॉलम में दिखने लगेगा। यह जीएसटी में सबसे बडा रिफॉर्म होगा। उन्होंने व्यवसायियों से यह भी निवेदन किया कि आप सभी कम्पयूटर फें्रडली हो जाएं, आपको जीएसटी में कोई परेशानी नहीं होगी। जैसे ही व्यवसायी अपना बिल रजिस्टर्ड डीलर को काटेंगे, वैसे ही खरीददार को बिल की विस्तृत जानकारी स्वतः मिल जाएगी।
वस्तुओं के मूल्य में गिरावट आयेगी : गोपाल तिवारी
विभाग के संयुक्त आयुक्त गोपाल तिवारी ने कहा कि जीएसटी पूरे देश में एक देश, एक टैक्स के रूप में जाना जायेगा और यह बिल्कुल व्यवसायियों और अधिकारियों के हित में है। जैसे ही जीएसटी लगेगा, वस्तुओं के मूल्य में 8 से 10 फीसदी की गिरावट आयेगी, जिससे उपभोक्ताओं को फायदा मिलने लगेगा। यह भी कहा कि व्यवसायियों को परेशानी होने पर वाणिज्यकर कार्यालय में भी ट्रेनिंग प्रोग्राम करने के लिए हम तैयार हैं।
प्रोडक्ट शेड्यूल कोड से मिलेगी जानकारी : बीडी भगत
वाणिज्यकर विभाग के सहायक आयुक्त बीडी भगत ने व्यवसायियों को रिटर्न के बारे में समझाया। यह कहा कि रिटर्न चार भागों में है और सभी कॉलम भरना काफी आसान है। उन्होंने यह भी बताया कि 1 जुलाई से जो भी स्टॉक आपके पास रहेंगे, आपको फॉर्म में डिक्लेयर करना पडेगा। 1 जुलाई का इनपुट टैक्स तैयार हो जायेगा तथा वही इनपुट भविष्य में आप आउटपुट वैट के लिए उपयोग कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मई माह में पहले ही सभी प्रोडक्ट का शेड्यूल आ जायेगा और अब सभी प्रोडक्ट शेड्यूल कोड से जाना जायेगा। यह कोड पूरे भारत में एक ही होगा। प्रोडक्ट के कोड से यह पता चलेगा कि कौन से प्रोडक्ट 18, 12 या 5 फीसदी का है।
कार्यशाला में शामिल हुए 250 व्यवसायी
कार्यशाला में 250 से अधिक व्यवसायी शामिल हुए। व्यवसायियों के कई सवालों का अधिकारियों ने जवाब भी दिया। वाणिज्यकर उप समिति चेयरमेन दीनदयाल वर्णवाल, चेम्बर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने भी अवन विचार रखे। कार्यशाला में चैंबर महासचिव रंजीत गाडोदिया, सह सचिव राहुल मारू, किशन अग्रवाल, आरके सरावगी, आनन्द जालान, पंकज राजगढ़िया, प्रमोद श्रीवास्तव, संजय अखोरी, शिशिर बुधिया, दीपेश निराला, दीपक धानुका, प्रवीण जैन छाबडा, विष्णु अग्रवाल, शिव दूबे, संजय पाल, उमंग जालान इत्यादि मौजूद थे।