रांची : झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी देवनीश किड़ो और शारदानन्द देव ने जेल से रिहा होने होने के बाद भी कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग में योगदान नहीं किया है। किड़ो दिनांक आठ सितम्बर-2016 और देव आठ अगस्त-2016 को न्यायिक हिरासत से मुक्त हुए हैं। न्यायिक हिरासत में लिये जाने के कारण उक्त दोनों पदाधिकारियों को निलंबित किया गया था। दोनों पदाधिकारियों की निलंबन वापसी अभी नहीं हुई है। विभागीय नियमों के तहत निलंबित पदाधिकारियों को भी निलंबन अवधि के दौरान भी बायोमैट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने दोनों पदाधिकारियों के द्वारा जेल से रिहा होने के बावजूद योगदान नहीं देने एवं बायोमैट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज नहीं करने को गंभीरता से लिया है।