बिहार में पीएम मोदी की चुनावी रैली, पटना में बोले- गरीबों का हक हड़पने वाले लोगों की उम्मीदों को भी समझ सकेंगे

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पटना में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि बीते डेढ़ दशकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेतृत्व में कुशासन से सुशासन की ओर बिहार का कदम बढ़ा है। एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है। इससे पहले, पीएम मोदी ने दरभंगा और मुजफ्फरपुर में जनसभा को संबोधत किया। इस रैली में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस बार बिहार का चुनाव बहुत ही असाधारण परिस्थिति में हो रहा है। कोरोना की वजह से, आज पूरी दुनिया चिंता में है, मुश्किल में है। महामारी के इस कठिन समय में बिहार को स्थिर सरकार बनाए रखने की जरूरत है, विकास को, सुशासन को सर्वोपरि रखने वाली सरकार की जरूरत है। आपको बता दें कि पहले चरण के लिए आज 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। पीएम मोदी की की पहली रैली दरभंगा में हुई। दरभंगा में अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम मंदिर की तारीख पूछने वाले अब मजबूरी में ताली बजा रहे हैं।

बिहार में आईटी हब बनने की पूरी संभावना है
बिहार में आईटी हब बनने की पूरी संभावना है। यहां पटना में भी आईटी की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है। सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं। मैं पटना के लोगों से जानना चाहता हूं, बिहार के लोगों से जानना चाहता हूं, क्या जंगलराज में बिहार आईटी हब बनने का सपना देख सकता था? ‘जंगलराज के युवराज’ बिहार को आईटी या आधुनिकता के किसी भी क्षेत्र में आगे ले जा सकते हैं।

मोदी का आरजेडी पर हमला

पीएम मोदी ने पटना रैली में आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि बीते डेढ़ दशकों में नीतीश जी की अगुवाई में बिहार ने कुशासन से सुशासन की तरफ कदम बढ़ाए हैं। एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है।

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