♦लहर न्यूज संवाददाता♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन रांची के करम टोली स्थित रूगटू विल्ला परिसर में किया गया। कार्यालय उद्घाटन के बाद मोर्चा की एक बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर प्रत्येक जिले एवं प्रखंड में शहीद महापुरुषों की प्रतिमाओं के समक्ष उपवास किया जाएगा। साथ ही जयपाल सिंह मुंडा की जयंती के अवसर पर 15 दिसंबर को उनकी प्रतिमा का लोकार्पण भी राजधानी में किया जाएगा। झारखंड आंदोलनकारियों से अपील की गई कि अपने घरों में, वाहनों में झारखंड आंदोलनकारी शब्द जरूर लिखवायें।
मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए: रामटहल चौधरी
पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा झारखंड अलग राज्य के मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए। आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, पेंशन एवं सभी प्रकार के राजकीय सुविधाएं मिलनी चाहिए। झारखंड आंदोलनकारियों का यह संवैधानिक अधिकार है।
आंदोलनकारियों को मिले मान-सम्मान: डाॅ वीरेंद्र कुमार सिंह
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन की तिथि से झारखंड आंदोलनकारियों को मान सम्मान पेंशन एवं सुविधाएं मिलनी चाहिए। राज्य सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के बीच भेदभाव पूर्ण रवैया न अपनाएं। सभी आंदोलनकारी एक हैं उन्हें कंडिका में न बांटा जाए और न ही जेल जाने की बाध्यता को लागू किया जाए। आंदोलनकारी सभी एक हैं और एक ही रहने दिया जाए।
आंदोलनकारियों के विश्वास का गला घोंटा गया: राजू महतो
मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा, झारखंड अलग राज्य बनने के बाद हम झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार पर विश्वास किया कि झारखंड के आंदोलनकारियों को दूसरे राज्यों के तर्ज पर मान-सम्मान, पहचान, पेंशन एवं सारी सुविधाएं प्राप्त होंगे। लेकिन सत्ता में बैठने वाले मुख्यमंत्रियों ने हमारे विश्वास का गला घोटने का काम किया है। उन्होंने मांग की कि 15 नवंबर 2020 तक झारखंड आंदोलनकारियों के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठाते हुए उन्हें मान-सम्मान, पेंशन एवं सभी राजकीय सुविधाएं प्रदान करें। 11 नवंबर 2020 से आयोजित होनेवाले विशेष सत्र के दौरान भी झारखंड आंदोलनकारियों के मामलों का निष्पादन भी करें या फिर झारखंड आंदोलनकारियों के लिए भी अलग से विशेष सत्र का आयोजन करें।
बैठक में इनकी थी मौजूदगी
बैठक में झारखंड आंदोलनकारी अश्वनी कुजुर, प्रफुल्ल तत्वा, विनीता अल्पना खलखो, सरोजिनी कचछप, डॉ प्रणव कुमार बब्बू, प्रेम मित्तल, रंजीत उरांव,गणेश दास सहित अजीत मिंज, दिवाकर साहू, मनोज कुमार महतो, मोनिका देवी, एरेन कच्छप, राजेश महतो, अमित खलखो, महेश मुंडा, शीतल उरांव सहित अन्य उपस्थित थे। संचालन झारखंड आंदोलनकारी पुष्कर महतो ने किया।