मूर्ति निर्माण की कक्षाओं में दिख रहा है अद्भुत नजारा

♦डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो
रांची: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के द्वारा संचालित एक वर्षीय पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन ट्राईबल आर्ट एंड क्राफ्ट के अंतर्गत चार दिवसीय मूर्तिकला की प्रायोगिक कक्षाओं अद्भुत नजार देखने के लिए मिल रहा है। एक से बढ़कर एक मूर्तियों का निर्माण हो रहा है।
भारतीय लोक कल्याण संस्थान ,कला एवं शिल्प प्रशिक्षण केंद्र , चुटिया (रांची) में इस चार दिवसीय मूर्तिकला के प्रशिक्षक के रूप में झारखंड के जानेमाने मूर्तिकार दिलेश्वर लोहरा  झारखंड के युवा कलाकारों को मूर्ति निर्माण का प्रशिक्षण दे रहे हैं।
उन्होंने मूर्तिकला में मिट्टी से पोट्रेट (व्यक्तिचित्र) तैयार करने की विधि और उनके आधारभूत जानकारियां दी। बताया-क्ले मॉडलिंग में पोट्रेट के लिए लकड़ी का आर्मेचर तैयार कर उस आर्मेचर में मिट्टी लगाकर पोट्रेट तैयार किया जाता है। इस मिट्टी से व्यक्ति का नाक, मुंह,आंख और हाव भाव के साथ आकृति पैदा किया जाता है। विद्यार्थियों से भी उन्होंने ऐसा करवाया।
उन्होंने कहा- झारखंड में मूर्ति कला में काफी कम कलाकार सामने आते हैं। इस प्रयास से झारखंड में अच्छे मूर्ति कला के कलाकार सामने आएंगे और अपनी प्रतिभा को दिखाएंगे। यह प्रयास इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं भारतीय लोक कल्याण संस्थान के सहयोग से झारखंड की राजधानी रांची में संभव हो पाई है।

 

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