♦लहर न्यूज संवाददाता ♦
रांची: नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद के आह्वान का झारखंड में मंगलवार को मिलाजुला असर रहा। झारखंड में लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं। यातायात सामान्य रहा, हालांकि सड़कों पर वाहनों का आवगमन कम नजर आया। लेकिन अंतरराज्यीय यातायात पर बंद का खास असर दिखा।
रांची, धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू, दुमका, बोकारो, साहिबगंज और पाकुड़ समेत सभी 24 जिलों में बंद का मिला-जुला असर दिखा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। झारखंड के पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में बंद समर्थकों ने चैक जाम कर नारेबाजी की। इसके बाद मेदिनीनगर शहर के छहमुहान जाम कर दिया। रांची में सिख संगठनों ने जुलूस निकालकर बंद का समर्थन किया। राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद कराईं। रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पर ऑटो चलते नजर आए। मंत्री आलमगीर आलम बंद समर्थकों का साथ देने के लिए सड़क पर उतर आए। कांटा टोली, डोरंडा आदि जगहों पर दुकानें खुलीं रही। लोगों का आना-जाना सामान्य रूप से लगा हुआ था। रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड से बसों का परिचालन सामान्य दिनों की तरह रहा। हजारीबाग, कोडरमा समेत अन्य जगहों के लिए बसें रवाना हुईं। गोड्डा के जियाजोरी रेलवे ट्रैक पर सीपीआइएम, सीपीआइ, कांग्रेस के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर रेलवे ट्रैक को घंटों बाधित कर दिया। रांची के नामकुम में झामुमो कार्यकर्ताओं ने बंद कराया। यहां बंद का मिला-जुला असर दिखा। ज्यादातर प्रतिष्ठानें खुलीं रहीं।
झारखंड के पुलिस महानिदेशक एम वी राव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने बंद का विरोध किया है। बंद को सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा,कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल ,वामपंथी दलों का समर्थन हासिल था। झारखंड सरकार के कतिपय मंत्री भी बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे।
इससे पहले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बंद का पूर्ण समर्थन किया था और कहा था कि किसानों की मांगें पूरी तरह उचित हैं और उनकी पार्टी इसका पूर्ण समर्थन करती है।