झारखंड आंदोलनकारियों का पहचान पत्र व लोगो जारी

 आंदोलनकारियों को मान-सम्मान, पहचान, अस्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाने के लिए प्रत्येक जिले में 15 दिसंबर 2020 को धरना
 3 जनवरी 2021 को झारखंड आंदोलनकारी दिवस मनाने का निर्णय निर्णय


♦डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, अस्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिलाने के लिए झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से राज्य के प्रत्येक जिले में 15 दिसंबर 2020 को धरना दिया जाएगा और उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड के शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को नौकरी व पेंशन तथा झारखंड आंदोलनकारी चिंहितीकरण आयोग के पुर्नगठन के सरकार के निर्णय की सराहना की है।

आंदोलनकारियों के हित में काम करे झारखंड सरकार: डाॅ वीरेंद्र सिंह

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डाॅ वीरेंद्र कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा- मुख्यमंत्री को उदार होकर झारखंड आंदोलनकारियों के व्यापक हितार्थ को देखते हुए कार्य करने की जरूरत है। राज्य की सरकार झारखंड आंदोलनकारियों के कारण ही अलग राज्य की सत्ता में आज है। इसलिए सरकार को अपने मूल्य को नहीं भूलना चाहिए और झारखंड के एक-एक आंदोलनकारियों को बिना शर्त सम्मानित करना चाहिए। मान-सम्मान देना चाहिए। कहा- झारखंड आंदोलनकारियों को जो मान-सम्मान, पहचान, पेंशन मिलनी चाहिए थी, परन्तु नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है। सिंह ने बताया कि 3 जनवरी 2021 को झारखंड आंदोलनकारी दिवस मनाया जाएगा।


झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, अजीत मिंज, वित्त अध्यक्ष सदस्य प्रेम मित्तल, विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डाॅ प्रणव कुमार बब्बू, मीडिया प्रभारी डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, उपाध्यक्ष अनिरुद्ध मंडल, अमित खलखो, प्रवक्ता पुष्कर महतो, रंजीत उरांव, गणेश दास, परवीन सहाय, सत्येंद्र कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने मोर्चा द्वारा झारखंड की संस्कृति के अनुरूप व झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, अस्तित्व व पहचान को लेकर झारखंड आंदोलनकारी पहचान पत्र, झारखंड आंदोलनकारी स्टीकर (लोगो) व पहचान पत्र जारी किया ।


आंदोलनकारियों के हित में कदम उठाये सरकार: राजू महतो
कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड के साथ गठन होने वाले उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों के आंदोलनकारियों को मान-सम्मान, पहचान पेंशन एवं सभी प्रकार के राजकीय सुविधाएं मिल रही है। झारखंड के आंदोलनकारियों को यह सम्मान न मिलना दुखद है। आज झारखंड आंदोलनकारियों की स्थिति काफी गंभीर एवं चिंतनीय है। आये दिन झारखंड आंदोलनकारियों की मृत्यु होना दुखद है। राज्य सरकार समय रहते झारखंड आंदोलनकारियों के हित में व्यापक कदम उठाएं।
 आंदोलनकारियों की परीक्षा न ले सरकार: डाॅ प्रणव कुमार बब्बू
विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ प्रणव कुमार बब्बू ने कहा, सरकार झारखंड आंदोलनकारियों की परीक्षा न ले। झारखंड आंदोलनकारी अभी तक संयमित होकर सरकार का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराते रहे हैं। सरकार को समय रहते हुए झारखंड के एक-एक आंदोलनकारियों के प्रति संज्ञान लेना चाहिए।
पहचान मिटने नहीं देंगे: अजीत मिंज
झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के प्रधान महासचिव अजीत मिंज ने कहा, झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान को हम लोग मिटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा तीर धनुष पर लगाए गए प्रतिबंध को वर्तमान की सरकार हटाये। तीर-धनुष हमारे संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारी पहचान है। सांस्कृतिक धरोहर है।

हाशिये पर हैं आंदोलनकारी: प्रेम मित्तल

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य एवं वित्त प्रमुख प्रेम मित्तल ने कहा, झारखंड आंदोलन झारखंड के लोगों के मान-सम्मान, स्वाभिमान एवं पहचान का आंदोलन रहा है। ऐसे में अलग राज्य निर्माण के बाद भी झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान, पहचान, पेंशन नहीं मिलता है तो यह अच्छी बात नहीं है। हेमंत सरकार उदारता पूर्वक झारखंड आंदोलनकारियों के प्रति कार्य करें। उनके मामलों का निष्पादन जल्द से जल्द करे। और हाशिए पर जीवन जीने वाले झारखंड आंदोलनकारियों का कल्याण व उत्थान करें.

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