♦लहर न्यूज संवाददाता ♦
रांची: झारखंड दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की होने वाली नियुक्तियों में दिव्यांग अभ्यर्थियों की अनदेखी की घोर निंदा करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति से मामले में दखल की मांग की है। डॉ महतो ने बताया कि इससे पहले यहां के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति सृजित पद के विरुद्ध हुई। सहायक प्राध्यापकों की भी साल 2008 में जेपीएससी से नियुक्ति हुई।
ल्ेकिन अब विश्वविद्यालयों द्वारा (रांची विश्वविद्यालय) विज्ञापन संख्या 5/2018 में जो अधियाचना झारखंड लोक सेवा आयोग को भेजी गयी है, उसमें सभी सीटों को लो विजन श्रेणी में भेजा गया, जो कि दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है तथा मूलभूत मानवाधिकारों का हनन है।
गौरतलब है कि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से संबंधित त्रुटियों के निराकरण के लिए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को विगत दिनों निर्देश दिया गया था, जिसमें कहा गया कि जो भी त्रुटियां हैं उन सभी त्रुटियों का निराकरण कर जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।
विश्वविद्यालयों की ओर से जो आरक्षण पैनल झारखंड लोक सेवा आयोग को प्रेषित किया गया है उसमें सिर्फ दृष्टिबाधित श्रेणी का ही जिक्र किया गया है। यह दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है इस त्रुटि को सुधार करने की आवश्यकता है, क्योंकि रांची विश्वविद्यालय या अन्य दूसरे विश्वविद्यालयों में जो नियुक्तियां हुई हंै उसमें शारीरिक दिव्यांग अभ्यर्थियों का चयन किया गया जो वर्तमान में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ महतो ने राज्यपाल सह कुलाधिपति से दिव्यांग श्रेणी से संबंधित त्रुटियों की ओर ध्याना आकृष्ट कराते हुये मामले को संज्ञान में लेने का आग्रह किया है, ताकि सभी दिव्यांगों को न्याय मिल सके।