♦Laharnews.com Correspondent♦

रांची: झारखंड की हेमंत सरकार पत्थलगड़ी मामले में राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों को वापस लेगी। इस सिलसिले में राज्य के गृह विभाग के संकल्प प्रारूप को मुख्यमंत्री ने अपनी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में संशोधन के विरोध करने के फलस्वरुप पत्थलगड़ी करने के क्रम में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमें किये गये थे। उस समय झारखंड में रघुवर दास की सरकार थी। याद दिला दें कि 29 दिसंबर 2019 को मंत्रिमंडल की बैठक में पत्थलगड़ी से जुड़े सभी दर्ज कांड को वापस लेने का निर्णय लिया गया था ।
जिला स्तरीय समिति बनाई गई थी
पत्थलगड़ी को लेकर विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने के सिलसिले में जिलों में त्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया था । इस समिति में अध्यक्ष के रूप में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी तथा सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक और लोक अभियोजक को रखा गया था । इस सिलसिले में सरायकेला खरसावां, खूंटी, चाईबासा दुमका और साहिबगंज से प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में संशोधन के विरोध करने तथा पत्थलगड़ी करने से संबंधित मुकदमों को वापस लेने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है । ज्ञात हो कि विभिन्न थानों में पत्थलगड़ी को लेकर 23 मुकदमे दर्ज है ।