मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वेबिनार के जरिये मंत्रियों से की बात, कहा- कोरोना से निबटने के लिए कड़ाई जरुरी

♦Laharnews.com Correspondent♦

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कोरोना के मौजूदा हालात और उसे नियंत्रित करने के उपायों की समीक्षा के लिए वेबिनार के जरिये अपने मंत्रियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का निर्णय लिया जो काफी प्रभावी साबित हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को संक्रमण से बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

सरकार की चिंता जीवन और जीविका दोनों की रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया किंतु प्रत्येक बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए निर्णयों में फेरबदल किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान अंतर्राज्यीय मूवमेंट तो बंद किया ही साथ ही साथ इंटर डिस्ट्रिक्ट मोमेंट पर भी ई-पास की व्यवस्था बनाई गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि झारखंड के 24 जिलों में 23 जिले किसी न किसी राज्य के बॉर्डर क्षेत्र पर हैं। इसलिए थोड़ी कड़ाई आवश्यक थी। आज हम यह कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है और हम संक्रमण दर को 50ः से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं। राज्य सरकार तीसरे लहर को नियंत्रित करने निमित्त विशेषज्ञों तथा विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों के सुझाव के साथ आगे की कार्य योजना बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में राज्य के सभी मंत्रियों द्वारा मिले सुझावों के अनुरूप ही आगे का निर्णय सरकार लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के सुझावों पर ध्यान रखते हुए राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में कल से ही मेडिकल किट तथा आवश्यक दवाइयां पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज से 35 दिन पहले पूरे राज्य में अफरा-तफरी के हालात थे। शहर में चारों ओर एंबुलेंस के सायरन की आवाजें गूंजती थी परंतु राज्य सरकार एवं आप सभी के सहयोग से हालात पर काबू पाया गया। आज स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। शहर के साथ-साथ अब राज्य सरकार का पूरा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में है। ग्राम स्तर पर सर्वे एवं जांच प्रोटोकॉल योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत 10 दिनों का ट्रेसिंग, टेस्टिंग तथा ट्रीटमेंट ड्राइव चलाया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचकर जांच तथा उपचार सुनिश्चित करेंगे। इन 10 दिनों के फीडबैक के बाद राज्य सरकार आगे की कार्य योजना बनाएगी।

राज्य के सभी जिला तथा प्रमंडल अस्पतालों को ऑक्सीजन युक्त अस्पताल बनाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इस दौरान मंत्रियों ने भी अपने विचार साझा किये।
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार पीड़ितों के लिए कफन की कमी नहीं होने देगी।

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