नयी दिल्ली : कैबिनेट विस्तार के बाद मोदी कैबिनेट की आज हुई पहली बैठक में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर इससे निबटने की तैयारी के लिए कई अहम फैसले लिये गये। इसके लिए कैबिनेट ने 23 हजार करोड़ रुपये के नए पैकेज को मंजूरी है। इनमें से 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र और 8,123 करोड़ रुपये राज्य सरकारें मुहैया कराएंगी। नवनियुक्त स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को बताया कि इस पैकेज को अगले अधिकत नौ महीने के भीतर यानी अगले मार्च तक अमली जामा पहना दिया जाएगा। इसके पहले पिछले साल मार्च में 15 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था।
मंडाविया ने पैकेज की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत जिला स्तर पर आक्सीजन व जरूरी दवाइयों की आपूर्ति और स्टोरेज से लेकर पर्याप्त संख्या में बिस्तरों की संख्या की बढ़ाने का प्रविधान किया गया है। तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संख्या में प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए सभी जिलों में बच्चों के विशेष वार्ड के निर्माण के साथ ही ऐसे हाईब्रिड आइसीयू बेड का निर्माण भी किया जाएगा, जिनका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर बच्चे और बड़े दोनों कर सकेंगे।
नए पैकेज में बड़े पैमाने पर जिनोम सिक्वेंसिंग प्रणाली तैयार करने के साथ-साथ सभी 736 जिला अस्पतालों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने का भी प्रावधान है। इसके अलावा ई-संजीवनी को मजबूत कर कोरोना काल में लोगों को टेलीमेडिसिन की मदद से भी इलाज उपलब्ध कराने का विकल्प तैयार किया जाएगा।
नए पैकेज के तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आइसीयू बेड, आक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।
पैकेज की अहम बातें
♦सभी 736 जिला अस्पतालों में ई-हास्पिटल या ई-सुश्रुत साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर हास्पिटल मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। अभी 310 अस्पतालों में ही लगाए गए हैं।
♦करीब 2.4 लाख सामान्य मेडिकल बेड और 20 हजार आइसीयू बेड तैयार किए जाएंगे। इनमें 20 फीसद बच्चों के लिए होंगे।
♦केंद्र सरकार के अस्पतालों में 6,688 कोरोना बेड तैयार किए जाएंगे।
♦सभी जिला अस्पतालों में बच्चों के वार्ड बनाए जाएंगे।
♦नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को जिनोम सिक्वेंसग मशीनें दी जाएंगी। साथ ही साइंटिफिक कंट्रोल रूम और एपेडेमिक इंटेलीजेंस सर्विस का ढांचा तैयार किया जाएगा।
♦ई-संजीवनी प्लेटफार्म को मजबूत कर प्रतिदिन पांच लाख लोगों को टेली कंसल्टेंसी मुहैया कराने लायक बनाया जाएगा। अभी केवल 50 हजार लोगों को टेली कंसल्टेंसी दी जाती है।
♦देशभर में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन के 1,050 स्टोरेज तैयार किए जाएंगे, उन्हें पाइपलाइन से अस्पतालों से जोड़ा जाएगा। हर जिले में कम से कम एक स्टोरेज जरूर होगा।
♦8,800 नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी।
♦कोरोना के प्रभावी प्रबंधन में अंडर ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल इंटर्न, अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्र और बीएससी व जीएनएम के नर्सिग छात्रों की सेवाएं ली जाएंगी।