कोरोना महामारी से सरकार निबट ही रही है कि इसी बीच अब जीका वायरस के दस्तक दिये जाने के मामले से केन्द्र सरकार सावधान हो गयी है। केरल में जीका वायरस के 14 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। केरल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मामले की जानकारी मिलते ही 6 सदस्यीय केन्द्रीय टीम केरल रवाना हो गयी है। यह टीम बीमारी से निपटने में राज्य सरकार की मदद करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
जीका के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं। इनमें बुखार, रैशेज यानी शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों का दर्द शामिल है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि जीका के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। केरल में जीका वायरस का पहला केस हाल ही में सामने आया था। मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी से 24 साल की एक गर्भवती महिला संक्रमित मिली थी। इस संक्रमित महिला की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है लेकिन उनका घर तमिलनाडु सीमा पर है।
जीका वायरस के कारण संक्रमित व्यक्ति सात से आठ दिन तक प्रभावित रहता है। वायरस गर्भवती महिला को ज्यादा प्रभावित करता है। इस संक्रमण की वजह से जन्म लेने वाला बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है। ब्राजील में साल 2015 में जीका वायरस बड़े पैमाने पर फैल गया था। उस समय इस वायरस के कारण 1600 से अधिक बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए थे। भारत में पहली बार जनवरी 2017 में जीका वायरस का मामला सामने आया था। यह वायरस असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी फैल सकता है।