कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को मिली बड़ी सफलता, जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को मिली मंजूरी

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को आज एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। कोरोना की तीसरी लहर की संभानाओं के बीच भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को सरकार से आपात मंजूरी मिल गयी है। यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली वैक्सीन है।
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया की वैक्सीन के लिए बनाई गई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सिफारिश कर दी है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद जायकोव डी दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी। गौरतलब है कि जायडस कैडिला की वैक्सीन पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। डीएनए आधारित वैक्सीन फॉर्मूलेशन को वायरस म्यूटेशन की स्थिति में आसानी से बदला जा सकता है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से देश को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में मदद मिलेगी।

जायकोव डी की वैक्सीन की खास बातें
भारत में अभी 2 डोज वाली वैक्सीन लग रही हैं, जबकि जायकोव 3 तीन डोज की वैक्सीन है। हालांकि इसके ट्रायल अभी भी चल रहे हैं. इस वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद दूसरी डोज 28वें दिन और फिर तीसरी डोज 56वें दिन पर लगाई जाएगी। यानी ये 4 हफ्ते के अंतर पर लगाई जाएगी। खास बात ये है कि इस वैक्सीन को रूम टेंम्परेचर पर स्टोर किया जा सकता है। ये वैक्सीन 2 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक के तापमान पर स्टोर की जा सकती है।
सिरिंज फ्री वैक्सीन
ये एक सिरिंज फ्री वैक्सीन है. इसका मतलब कि ये सिरिंज की जगह जेट इंजेक्टर से लगाई जाएगी. जैसे कि कुछ लोग घर में डायबिटीज चेक करने के लिए इंजेक्टर से उंगली से खून की एक बूंद निकालते हैं. हालांकि इस वैक्सीन को 90 डिग्री पर रखकर यानी सीधे लगाया जाएगा।

बच्चों पर भी है असरदार
इस वैक्सीन का टेस्ट बड़ों के अलावा 12 से 18 साल के बच्चों पर भी किया जा रहा है। ऐसे में संभव है कि भारत में बच्चों को लगने वाली ये पहली वैक्सीन हो. जायडस कैडिला पहले भी दावा कर चुकी है कि अप्रूवल मिलने के कुछ दिनों के अंदर ही ये वैक्सीन लोगों को लगाए जाने के लिए उपलब्ध करवाई जा सकती है। कंपनी का टारगेट हर महीने 2 करोड़ वैक्सीन लगाने का है। इस वैक्सीन का ट्रायल तकरीबन 20 हजार लोगों पर किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *