टीआरएल विभाग में शिक्षक दिवसः वक्ताओं ने कहा- आत्मनिरीक्षण व आत्मचिंतन करें

♦ Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची : रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में धूमधाम से शिक्षक दिवस दिवस मनाया गया। छात्रों की ओर से शिक्षकों का स्वागत और सम्मान किया गया। शिक्षकों ने भी छात्रों के समक्ष अपने विचार रखे और शिक्षक दिवस के महत्व पर रोशनी डाली।
शिक्षकों की भूमिका बढ़ गयी है : डॉ हरि उरांव
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए टीआरएल विभाग के अध्यक्ष डॉ हरि उराँव ने कहा- यह दिवस आत्मनिरीक्षण व आत्मचिंतन का अवसर प्रदान करता है। आज के दौर में मूल्यों और नैतिकता में गिरावट देखी जा रही है, ऐसे हालात में शिक्षकों की भूमिका पहले से कहीं अधिक अब बढ़ गयी है। शिक्षक अपने आचरण को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि गीली मिट्टी को जिस तरह कुम्हार सुंदर घड़े का आकार देता है, ठीक वैसे ही शिक्षक बच्चे को अच्छा इंसान बनाता है।
शिक्षकों को आदर व सम्मान दें : डॉ टीएन साहु
इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. (डॉ) त्रिवेणी नाथ साहु ने कहा, हमें सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा बताए मार्ग पर चलना चाहिए, उनकी बातों को अपने जीवन में आत्मसात करनी चाहिए, तभी हम एक स्वच्छ और शिक्षित समाज का निर्माण कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक हमें ज्ञान देने के साथ इस काबिल बनाते हैं कि व्यक्ति आगे चलकर समाज में सिर उठाकर चल सके। इसलिए, हमें अपने गुरुओं का हमेशा आदर एवं सम्मान करना चाहिए।
छात्रों के लिए शिक्षक का व्यक्तित्व अहम : डॉ यूएन तिवारी
डॉ उमेश नन्द तिवारी ने शिक्षक दिवस की सार्थकता पर विचार व्यक्त करते हुए सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक महान शिक्षक बताया। उन्होंने कहा कि छात्र शिक्षक के व्यक्तित्व से भी प्रेरणा लेता रहता है।
इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, किशोर सुरेश, करम सिंह मुंडा, प्रवीण सिंह, राजेश भुंटकुँअर, रवि कुमार, सौरभ कुमार, श्याम कंडुलना, पप्पु बांडों, बसंती देवी के अलावा अन्य शिक्षक व शोधकर्ता उपस्थित थे।

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