♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में झारखंड की हेमंत सरकार से झारखंड विधानसभा में 28 जनजातीय विधायकों के लिए एक सरना स्थल की भी व्यवस्था करने की मांग की गयी, जिसमें आदिवासी विधायक अपनी आस्था और रूढ़िवादी परंपरा को बरकरार रख सकें ।
जातीय जनगणना से आदिवासियों को हो सकता है नुकसानः नकुल तिर्की
समिति के संरक्षक नकुल तिर्की ने कहा, हेमंत सरकार प्रधानमंत्री से मिलकर जातीय जनगणना के लिए 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली भेज रही है , हो सकता है भविष्य में सरकार जातीय आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कर दे जो आदिवासियों के लिए दूरगामी दुष्प्रभाव व नुकसान हो सकता है ।
आदिवासी अस्मिता के लिए कदम उठाये सरकार : जगलाल पाहन
मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने सरकार से मांग की कि आदिवासियों की अस्मिता एवं रूढ़िवादी परंपरागत व्यवस्था की रक्षा के लिए समुचित कदम उठाएं ।
आदिवासियों के धर्मांतरण का विरोध : संदीप उरांव
केंद्रीय सरना समिति के मार्गदर्शक संदीप उरांव ने आदिवासी समुदाय के धर्मांतरण की स्थिति पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि छल प्रपंच कर भोले भाले आदिवासियों का धर्मांतरण कराना एक घोर अपराध है , जिससे रूढ़ीवादी व्यवस्था छिन्न भिन्न हो रही है जो आदिवासी समाज की रीढ़ है , सरकार इस ओर भी ध्यान दे ।
बैठक में इनकी थी मौजूदगी
बैठक में उपाध्यक्ष श्रीमती किरण तिर्की , अनीता गाड़ी , कोषाध्यक्ष श्री जगन्नाथ तिर्की उपाध्यक्ष श्रीमती अनिता गाड़ी , सचिव श्री अमर मुंडा केंद्रीय धूमकुड़िया समिति के अध्यक्ष श्री सुनील टोप्पो आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे ।