रांची : झारखंड का रामगढ़ जिला राज्य का पहला खुले में शौच से मुक्त जिला घोषित किया गया है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि 2019 तक सभी जिलों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए लक्ष्य के अनुसार कार्ययोजना तैयार करें। ग्रामवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी रोजगार सेवकों, प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों सहित मुखिया और पंचायत सेवकों की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विशेष रणनीति बनाकर जिलावार कार्य करें। मुख्यसचिव स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति की समीक्षा के दौरान सभी जिला के उपायुक्त एवं डीडीसी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस सिलसिले में निर्देश दी रही थीं। श्रीमती वर्मा ने कहा कि वर्ष 2016-17 में 9 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया ह,ै जो वर्ष 2015-16 से तीन गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में 2000 पंचायतों को लक्षित करते हुए 15 लाख व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण के लिए कार्य योजना बनायें। बैठक में विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि अब तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत करीब 12 लाख शौचालय का निर्माण पूरे राज्य में किया जा चुका है तथा करीब 600 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया गया है। बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग एपी सिंह, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन राजेश कुमार शर्मा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि रामगढ़ जिला राज्य में पहला खुले में शौच से मुक्त जिला बन गया है। बताया गया रामगढ़ जिले में सभी प्रखंड शौच से मुक्त हो चुका है। वर्ष 2016-17 में 77 हजार 701 शौचालय निर्माण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया। रामगढ़के चितरपुर में 7435, दुलमी में 10891, गोला मे 18987, मांडू में 21126, पतरातू में 14635 और रामगढ़ प्रखंड में 4649 शौचलय बनाये गये।