♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची : रांची विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और यूनिसेफ झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां “हम और कुछ नया सीखें पहल” (हंसी) विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
रांची विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. ब्रजेश कुमार कहा कि जहां कम, वहां हम एवं ईच वन, टीच वन के विचार को आत्मसात करके कोविड-19 में अनाथ बच्चों एवं अन्य प्रभावित लोगों को सुविधा व सहायता प्रदान कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा, बच्चों में क्षमता विकास एवं रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उनमें स्वयं करके सीखने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी।
यूनीसेफ, झारखण्ड के चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस प्रशांता दास ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 महामारी काल में बच्चों के सीखने के स्तर में कमी आई है। इन बच्चों तक डिजिटल विषय वस्तु की पहुंच, मोहल्ला क्लासेज, लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता है।
पारुल शर्मा, एजुकेशनल स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ ने कहा, सामाजिक व्यवहार सीखने की आवश्यकता है। हिंसा, मनोसामाजिक समस्याएं व आर्थिक विषमताएं गंभीर रूप में सामने आई हैं।
यूनीसेफ, झारखण्ड की कम्युनिकेशन , एडवोकेसी एवं पार्टनरशिप पदाधिकारी आस्था अलंग ने भी अपने विचार रखे। प्रियंका सिंह, यूनिसेफ कंसलटेंट के धन्यवाद ज्ञापन किया।