♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में झारखड आंदोलनकारियों का घेरा डालो – डेरा डालो आंदोलन 7वें दिन भी जारी रहा। झारखंड आंदोलनकारी सम्मान और पेंशन सहित अन्य मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। राज्य की हेमंत सरकार से तत्काल सभी मांगें पूरी करने की मांग आंदोलनकारियों ने की है।
ठसकी अध्यक्षता करते हुए पूर्वी सिंहभूम के अध्यक्ष विश्वजीत प्रमाणिक ने कहा कि हमारे आंदोलनकारी झारखंड अलग राज्य के गौरव है। सरकार इन आंदोलनकारियों को मान – सम्मान और पहचान दे।
आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू ने कहा, झारखंड व आंदोलनकारियों के इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता है। आज राज्य हमारा जरूर बना है लेकिन शासन हमारा नहीं है। मुख्यमंत्री इन बातों को गंभीरता से लें और झारखंड को झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य गढ़ने का काम करें।
संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा – झारखंड आंदोलनकारियों ने आज अपनी पहचान की लड़ाई लड़ने के लिए गोलबंद होकर घेरा-डालो डेरा डालो आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी अपने संघर्ष के बल पर अपनी पहचान की लड़ाई स्थापित करके रहेंगे ।
प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा, झारखंड आंदोलनकारी ही अब अबुआ राइज बनाएंगे सजाने और संवारने का भी काम करेंगे।
सचिव प्रेम मित्तल ने कहा, झारखंड आंदोलनकारियों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगाी। एक और आंदोलन को लिए हम तैयार है।
इससे पहले आंदोलन के छठे दिन की अध्यक्षता करते हुए कोडरमा जिला संयोजक देवेंद्र मेहता ने कहा -आज झारखंड आंदोलनकारियों को अपने मान-सम्मान, पहचान, पेंशन एवं नियोजन की मांग को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है, यह सबसे बड़ी विडंबना है। राज्य बने 22 वर्ष हो चुके हैं, बावजूद आंदोलनकारी हाशिए पर है।
पश्चिमी सिंहभूम के संयोजक मो हाजिक खान ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों से ही झारखंड की पहचान है। झारखंड आंदोलनकारियों की उपेक्षा इस राज्य में होना दुर्भाग्य की बात है।
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