♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: आईपीएफ दौर के किसान नेता शहीद विशुन महतो की 35वें शहादत दिवस पर आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। रांची के रातू प्रखंड के गुड्डू गांव स्थित कृषक विद्यालय परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर मल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।
इस मौके पर विशुन महतो के सहयोगी और माले के वरिष्ठ नेता शुभेंदु सेन, रांची जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष राजू महतो सहित कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा – शहीद विशुन महतो 80 के दशक में रांची के लोकप्रिय नेताओं में से एक थे।इ नकी अपार लोकप्रियता से डरकर ही इनकी हत्या कर दी गई। लेकिन राजनीतक हत्याओं से विचारों का अंत सम्भव नहीं है। आज उनके हत्यारों का राजनीतिक तौर पर सफाया हो गया है। उनकी शहादत झारखंड के जल-जंगल -जमीन के आंदोलन के लिए हमेशा प्रेरणा का श्रोत बना रहेगा। शहीद बिशून महतो हमारे सपनों और संघर्षों में जिन्दा रहेंगे। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता मेलासा स्वेता तिर्की ने किया। सभा को पूरन महतो , शिवदेव गोप, रामानंदन महतो,अर्जुन महतो, विधालय के सचिव अशोक महतो, झारखंड के फिल्मकार पिंटू प्रजापति, रविन्द्र महतो समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया।
गौरतलब है कि वर्ष 1985 में वामपंथी किसान नेता विशुन महतो की हत्या तिलता चौक पर कर दी गयी थी। वह संघर्षों के कारण लंबे समय तक जेल में भी रहे । जेल से रिहा होने के बाद पहली बार में ही मात्र कुछ वोटों से विधान सभा चुनाव हारे थे। अगर दूसरी बार चुनाव से पहले इनकी हत्या नहीं की गई होती तो हटिया से बिहार विधान सभा के सदस्य होते है।