झारखंड आंदोलनकारियों का विधानसभा में उठेगा मामला: विधायक विनोद सिंह

♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में जगरनाथपुर स्थित आंदोलनकारी मैदान में आहूत घेरा डालो -डेरा डालो आंदोलन के 14 वें दिन आज शहीद सीपी तिर्की को याद किया गया। इस दौरान गोड्डा जिला के पंकज मंडल को मोर्चा का केंद्रीय सदस्य मनोनीत किया गया।
इस मौके पर माले विधायक विनोद कुमार सिंह भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा- झारखंड आंदोलनकारियों के चिन्हितीकरण के दायरे का विस्तार होना चाहिए। जो जेल गये, सिर्फ वही आंदोलनकारी नहीं है। जो जेल नहीं गए हैं उनकी भूमिका भी झारखंड अलग राज्य के निर्माण में अहम है। आंदोलन के दौरान दिनभर पुलिस थाने में रखती थी। लोगों को पीआर लिखाकर छोड़ देती थी, तो क्या वे झारखंड आंदोलनकारी नहीं होंगे ।


प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालयों तक जुलूस आज
प्रखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, नियोजन व पेंशन के सवाल को लेकर 1 मार्च 2022 को मशाल जुलूस प्रखंड एवं जिला मुख्यालयों में निकाला जाएगा।


इसलिए सरकार को चिन्हितीकरण के दौरान एक-एक झारखंड आंदोलनकारियों की भावनाओं को समझना होगा। सच्चे आंदोलनकारियों को चिन्हित करना होगा। सरकार को अपना दायरा बढ़ाकर सभी को मान-सम्मान पहचान पेंशन नियोजन देने के लिए चिन्हित करने का काम करें। विधानसभा के अंदर झारखंड आंदोलनकारियों की बातों को भी उठाया जाएगा।
गुमला जिला संयोजक सीताराम उरांव ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का अधिकार छीनने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।
झारखंड आंदोलनकारी व पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंबोंगा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के परिवार आज आंदोलन करते – करते बिखर चुके हैं। ऐसे सभी परिवार को उनका अधिकार मिलना चाहिए।
हक से वंचित हैं आंदोलनकारी: राजू महतो
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि सरकार को झारखंड आंदोलनकारियों की भाषा बोलनी चाहिए। झारखंड आंदोलनकारियों ने अलग राज्य की लड़ाई निस्वार्थ भाव से लड़ी और झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ। लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में जो मान-सम्मान, पहचान, पेंशन व नियोजन मिलना चाहिए उससे भोले- भाले आंदोलनकारी वंचित है। सरकार को पता है कि 20 वर्षों से झारखंड आंदोलनकारी भटक रहे राज्य सरकार को तत्काल उन्हें भटकाव, पलायन व बिखराव से रोकना चाहिए।
झारखंड आंदोलनकारी चौतु उरांव ने कहा कि आंदोलनकारियों के अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे। अपने अधिकारों की रक्षा के लिए झारखंड आंदोलनकारियों को गोलबंद होकर लड़ना है।
केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरा करने के लिए घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के माध्यम से संघर्ष करने को बाध्य हुए है।
केंद्रीय सचिव सरोजनी कच्छप ने कहा कि झारखंड राज्य को चलाने के लिए झारखंड आंदोलनकारी सक्षम है।
इस अवसर प आसमान सुंडी, डॉ बीरेंद्र सिंह, राजेश महतो, भुनेश्वर केवट, राजेंद्र पंडित, शांति मिंज, राजकुमार रण, बिरू मिंज,भूनु राम, बोलो उरांव, बुधन उरांव, रंजन बाड़ा, विजय उरांव, सोमरा उरांव,दिवाकर साहू, सरोंजनी कच्छप, विनीता खलखो, कूमोद वर्मा, सुनील तांबा सीताराम उरांव,
बसंत उरांव, महामणि उरांव, सुदर्शन कुजुर, विजय उरांव, धुडिया भगत, मोहन राय सिंह, रामेश्वर खड़िया, चंद्र खड़िया, जयंत लोहारा, मिखाईल एक्का, बिदराय खड़िया, गोपाल मुंडा, हंदू उरांव, मुन्नी देवी, कमल मुंडा, शशीकांत सिंह, विर्समनी देवी, सुशील बारला सहित अन्य उपस्थित थे.

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