धूमधाम और भक्तिभाव से मना सरहुल, शोभायात्रा

♦Dr. Birendra Kumar Mahto♦
रांची: जनजातीय समुदाय को प्रमुख प्रकृति पर्व सरहुल आज धूमधाम और भक्तिभाव से मनाया गया। शोभायात्रा निकाली गयी। अलग-अलग संगठनों के लोग नाचते-गाते शोभायात्रा में शामिल हुए। शोभायात्रा की झांकी को लोगों ने खूब सराहा। कॉलेजों के कैंपस में भी सरहुल मनाया गया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सरहुल के मौके पर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के नागपुरी, मुंडारी, संथाली, कुड़ुख, खड़िया, खोरठा, कुरमाली, पचपरगनिया एवं हो भाषा के छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक लोकगीत-संगीत और नृत्य संगीत प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ नितिन मदन कुलकर्णी थे। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना गीत के साथ हुई।


मांदर की थाप पर थिरके मुख्यमंत्री
रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन करम टोली स्थित आदिवासी बालक – बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव -2022 में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पूजा स्थल पहुंच कर सभी को सरहुल पर्व की शुभकामनाएं दी। यहां पौधरोपण भी किये गये।
आदिवासी द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के बाद एक बार पुनः हम सब एकत्रित हुए हैं। अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है।  हम जहां भी हैं, वहां सभी के साथ मिलकर अपनी परंपरा और संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। आदिवासी हमेशा से द्वेष और घृणा से कोसों दूर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होते रहते हैं। हमें भी आदिकाल से चली आ रही परंपरा को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता है।

हॉस्टल में होंगे रसोइया और चौकीदार
मुख्यमंत्री ने बताया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित हॉस्टल्स का जीर्णाेद्धार कर हॉस्टल की सभी खामियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक – बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी। यहां रहने वाले स्टूडेंट्स को भोजन भी सरकार उपलब्ध कराएगी। हॉस्टल को नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने आदिवासी बच्चियों के लिए हॉस्टल बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो।


सरहुल पर्यावरण संरक्षण का देता है संदेश: कुलपति

बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरहुल जैसे प्राकृतिक पर्व के महत्व को आज के संदर्भ में रेखांकित किया। इससे पहले जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के समन्वयक रामदास उरांव ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में खोरठा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार ने सरहुल पर्व से जुड़ी कथा एवं उसके दर्शन पर प्रकाश डाला। मंच संचालन डॉ. डुगनी माय मुर्मू एवं डॉ. जय किशोर मंगल ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन कुरमाली विभाग के अध्यक्ष डॉ पी पी महतो ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ नमिता कुमारी और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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