♦Dr BIRENDRA KUMAR MAHTO♦
रांची: झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम पार्टी लाइन से अलग हटकर लगातार 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की मांग पर अडिग हैं। उनके रुख से झामुमो भी असमंजस में हैं। एकतरर से देखें तो लोबिन हेम्ब्रम लगातार अपनी पार्टी को अपनी मांगों के जरिये चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने आज कहा भी कि उनके लिए पहले माटी और फिर पार्टी है। विधायक लोबिन हेम्ब्रम झारखंड में सियासत की जो लकीर खींच रहे हैं वह कितनी गहरी होगी,यह अब भी एक सवाल बना हुआ है।
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा व आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के तत्वावधान में 1932 के खतियान को लागू करने की मांग पर सभा आयोजित की गयी। झारखंड विधानसभा सभागार में हुई सभा में निर्णय लिया गया कि भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर 9 जून 2022 को विशाल बलिदानी संकल्प सभा का अयोजन होगा। इसी दिन एक हुल व उलगुलान का ऐलान किया जाएगा। इसी कड़ी में 24 अप्रैल को बोकारो जिला के नया मोड़ के पास कोर कमेटी की बैठक होगी। यह बैठक झारखंड खतियान संघर्ष समिति के नाम से आयोजित होगी।
खतियान हमारी पहचान है: लोबिन हेम्ब्रम
आज की सभा में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा- झारखंड आंदोलनकारियों एवं झारखंडियो के अस्तित्व की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जाएगी। 1932 का खतियान हमारी पहचान है, हम अपने पहचान से कोई समझौता नहीं करेंगे। कहा- मेरे लिए सबसे पहले माटी है फिर पार्टी है। झारखंड की माटी अभी खून मांग रही है। झारखंड की माटी की रक्षा के लिए सिद्धू कानू, चांद भैरव, भगवान बिरसा मुंडा जैसे वीरों ने शहादत दी है। कहा- सीएनटी व एसपीटी एक्ट पालन आज नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंगबांगा ने कहा- झारखंड अलग राज्य निर्माण के मूल्यों की रक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
सैलाब को रोकना अब संभव नहीं: राजू महतो
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा, विधायक लोबिन हेंब्रम के नेतृत्व में इंकलाब का सैलाब गांव-गांव से निकल पड़ा है। अब इसे रोकना संभव नहीं है। केंद्रीय प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा, झारखंड का मान-सम्मान कराने वाले लोग हाशिए पर हैं। एक उलगुलान की दिशा में हम आगे बढ़ चुके हैं। झारखंड के लिए एक और संघर्ष करना होगा।
बैठक में शामिल हुए
सभा में प्रेमचंद मुर्मू,नरेश मुर्मू,विश्वजीत शाहदेव,किशोर किशकु,मुन्नी हांसदा, एरेन कच्छप, विनीता खलखो,विदेशी महतो,देवेंद्र मेहता,प्रभाकर कुजुर,एलेक्स उरांव,इकबाल हसन,आजम अहमद, बाबू भाई विद्रोही,इसरार अहमद,हबूलाल गोराई,संतोष सिंह, डी एन राम,अल्फ्रेड आईंद,दिवाकर साहू ,तीर्थनाथ आकाश सहित अन्य बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी थी।