♦Laharnews.com Correspondent ♦
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और झारखंड सरकार में खान विभाग व उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल व उनके करीबीयों के रांची,जयपुर सहित देश के 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। रांची में पूजा सिंघल के करीबी सीए सुमन कुमार के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई के दौरान 17 करोड़ रुपये नकद बरामद किये गये हैं।
ईडी ने मनरेगा घोटाले के वक्त खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त सह वर्तमान में झारखंड सरकार की खान एवं उद्योग विभाग की सचिव आइएएस अधिकारी अधिकारी पूजा सिंघल व उनके सहयोगियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। दूसरी ओर इधर खदान लीज मामले में मुश्किलों में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की छापेमारी को गीदड़ भभकी बताया है। सवाल किया कि जेपीएससी की सीबीआई जांच का आजतक क्या परिणाम निकला ? वह दिन दूर नहीं, जब सरपंच और मुखिया की भी केंद्र सरकार ईडी जांच कराने पहुंचेगी।
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में पूजा सिंघल के पास करीब 150 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी छानबीन जारी है। ईडी की टीम मनरेगा घोटाले के साथ-साथ पूजा सिंघल के पूरे कार्यकाल की जांच कर रही है, जिसमें कई जिलों के उपायुक्त के कार्यकाल के वक्त के विवादित मामले भी हैं। झारखंड उच्च न्यायालय में दायर शपथ पत्र में ईडी ने इसका जिक्र भी किया था। ईडी ने झारखंड के रांची, राजस्थान के जयपुर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार के मुजफ्फरपुर व दिल्ली एनसीआर में छापेमारी की है।
रांची में कांके रोड के चांदनी चौक स्थित पंचवटी रेजिडेंसी के फ्लैट नंबर 904, लालपुर के हरिओम टावर स्थित नई बिल्डिंग, बरियातू के पल्स अस्पताल, पूजा सिंघल के सरकारी आवास, उनके पति अभिषेक झा के आवास में भी छापेमारी हुई है। राजस्थान के जयपुर में सहयोगी आरके जैन, कोलकाता में तत्कालीन एंट्री आपरेटर, दिल्ली में पूजा सिंघल के भाई, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापेमारी हुई है। बिहार के मुजफ्फरपुर में पूजा सिंघल का ससुराल है, जहां ईडी ने तलाशी ली है।
ईडी ने मनरेगा घोटाले के एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरे मामले की जानकारी से संबंधित शपथ पत्र दायर की थी। ईडी ने शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा में 18.06 करोड़ रुपये के घोटाले के वक्त वहां की उपायुक्त पूजा सिंघल थी। इस मामले में वहां के कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, जिन्होंने ईडी को दिए अपने बयान में यह स्वीकार किया था कि कमीशन की राशि उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचती थी।
ईडी ने चतरा और पलामू के भी दोनों मामलों की चल रही जांच की जानकारी अपने शपथ पत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी थी। शपथ पत्र में बताया था कि पूजा सिंघल चतरा जिले में अगस्त 2007 से जून 2008 तक उपायुक्त के पद पर तैनात थीं। आरोप है कि उन्होंने दो एनजीओ को मनरेगा के तहत छह करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया था।
उक्त राशि मूसली की खेती के लिए आवंटित की गई थी। जबकि इस तरह का कोई कार्य वहां नहीं हुआ था, जिसकी जांच अभी जारी है। इसके अलावा पलामू जिला में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल पर यह आरोप है कि उन्होंने करीब 83 एकड़ जंगल भूमि को निजी कंपनी को खनन के लिए ट्रांसफर किया था। यह कठौतिया कोल माइंस से जुड़ा मामला है। ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले की भी जांच जारी है।