बुरे दौर से गुजर रहे हैं विवि और कॉलेजों में नियुक्त घंटी आधारित अनुबंधित शिक्षक, आंदोलन 9वें दिन भी जारी, सरकार को दी चेतावनी

झारखंड के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुबंध पर नियुक्त घंटी आधारित शिक्षक अबतक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उनकी बुनियादी मांगें भी पूरी करने के लिए सरकार कदम नहीं बढ़ा रही है। हालात ऐसे बन गये हैं कि इन शिक्षकों को कैंपस से बाहर निकल कर सड़क पर आंदोलन करना पड़ रहा है। सीधे-सीधे झारखंड की हेमंत सरकार पर वे वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। अब वे राज्यपाल और मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी समस्याओं के निराकरण और मांगों की पूर्ति के लिए आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में 9वें दिन भी उनका आंदोलन जारी है। इन शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि मांगे पूरी होनेतक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।


♦Laharnews.com Correspondent ♦

रांची: झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ की ओर से राज्यपाल सह कुलाधिपति और मुख्यमंत्री के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आयाजित ध्यानाकर्षण कार्यक्रम 9वें दिन भी जारी रहा। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।

संविदा शिक्षकों की मांगों का समर्थन :जयराम महतो

खतियानी आन्दोलनकारी जयराम महतो ने धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुँच कर संविदा शिक्षकों की मांगों का समर्थन किया और कहा कि उनकी मांगें जायज हैं और तत्काल सरकार को इसे पूरा करना चाहिए।
अनिश्चित काल तक के लिए आंदोलन जारी रहेगा: डॉ रीझू नायक
प्राध्यापक डॉ रीझू नायक ने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक अनिश्चित काल तक के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कहा- उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों की शोषणकारी और दमनकारी नीति से हमें भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों को नियमित करते हुए, यूजीसी ग्रेड पे के अनुसार तत्काल एक निश्चित मानदेय तय करें और हमें समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान करें।
यह नियुक्ति शोषणकारी और दमनकारी है: डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो
प्राध्यापक डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो कहा कि घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति शोषणकारी और दमनकारी है। राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन दोनों ही हमलोगों का भरपूर शोषण कर रही है।
सत्ता में आने के बाद सरकार हमें भूल गयी: दमयन्ती सिंकू
प्राध्यापक दमयन्ती सिंकू ने कहा कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के प्रति काफी संवेदनाएं दिखाई थी, परंतु सत्ता में आने के बाद वे अपने वादों और बातों को शायद भूल गए हैं। यही कारण है कि आज तक हमलोग अपने अधिकारों से वंचित हैं।
सरकार शिक्षकों का अपमान कर रही है: डॉ बुटन महली
प्राध्यापक डॉ बुटन महली ने कहा कि आज उच्च शिक्षा व्यवस्था पूरे अनुबंध शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है, लेकिन सरकार हम शिक्षकों को दिहाड़ी मजदूर से भी बुरा हाल करके रखे हुए है। आज हम शिक्षकों को मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ा है। यह सिर्फ शिक्षकों का नहीं, बल्कि पूरे समाज, राज्य और देश के लिए अपमान की बात है।
इनकी रही मौजूदगी
ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के 9वें दिन मुख्य रूप से डॉ निरंजन महतो, डॉ रामकुमार, जयंती कुमारी, कंचन वर्णवाल, डॉ अहिल्या कुमारी, डॉ एसके झा, डॉ आराधना तिवारी, डॉ नरेंद्र कुमार दास, डॉ संजू कुमारी, डॉ नीरा वर्मा, डॉ अशोक कुमार महतो, जहांगीर आलम, डॉ राजन झा, डॉ अजय नाथ शाहदेव, डॉ निर्मल मुर्मू, ज्योत्सना कुमारी, डॉ संतोष कुमार भगत, सुनीता टोप्पो, सुषमा कुजूर, विशाल कुमार, डॉ रश्मि, डॉ बुटन महली, डॉ दमयंती सिंकू, डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, गुरूचरण पूर्ति, अबनेजर टेटे, डॉ अरुण अमित तिग्गा, सुनीता उराँव, जयप्रकाश उराँव, डॉ उपेंद्र कुमार, आदित्य कुमार, भादी प्रकाश उराँव के अलावा अन्य मौजूद थे।

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