श्रीलंका सरकार ने चीन के उच्च प्रौद्योगिकी वाले समुद्री जासूसी जहाज ‘युआन वांग 5’ को 16 अगस्त को दक्षिण बंदरगाह हंबनटोटा पर आने की अनुमति दे दी है। श्रीलंका सरकार ने इस मामले में भारत की बात नहीं मानी है। दूसरी ओर श्रीलंका का विपक्ष भी अपने सरकार के कदमों से नाराज है।
चीन के इस जहाज को लेकर भारत ने सुरक्षा से जुड़ी चिंता जाहिर की थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बैलेस्टिक मिसाइल एवं उपग्रह का पता लगाने में सक्षम ‘युआन वांग 5’ नामक यह जहाज पहले बृहस्पतिवार को पहुंचने वाला था और 17 अगस्त तक श्रीलंका के बंदरगाह पर रूकने वाला था। लेकिन, भारत द्वारा सुरक्षा चिंता व्यक्त किये जाने के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह यह चीनी दूतावास से इस जहाज का आगमन टाल देने का अनुरोध किया था। फिर, यह जहाज निर्धारित कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को नहीं आया।
यह जहाज फिलहाल हंबनटोटा के पूरब में 600 समुद्री मील की दूर पर आगे की यात्रा के लिए मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है। इस बीच, इस मामले से श्रीलंका में बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया। विपक्ष ने सरकार पर इस मुद्दे को ढंग से नहीं संभाल पाने का आरोप लगाया है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के सुरक्षा हितों से जुड़े सभी घटनाक्रम पर हमारी नजर है।