♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची: आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच ने कहा- झारखण्ड सरकार को आदिवासी मूलवासी जनता की भावना के अनुरूप खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू कर इसे नियोजन, व्यापार-उद्योग, ठेका – पट्टा, खान- खनिज की लीज समेत सभी स्तरों पर अमल में लाना चाहिए।
मंच के अध्यक्ष राजू महतो, उपाध्यक्ष सरजन हांसदा, विजय शंकर नायक, महासचिव रंजीत उराँव, संयोजक लाल विभयनाथ शाहदेव,प्रवक्ता लाल विश्वजीत शाहदेव, सचिव प्रवीण सहाय और महिला अध्यक्ष बिनीता खलखो ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासी व मूलवासी व सभी राजनीतिक दल स्थानीयता के पक्ष में सड़क से लेकर सदन तक अपनी मांगों को रखें। अब इसमें विलंब नहीं करना चाहिए।
मंच ने तत्काल राज्य सरकार से झारखंड की नौ क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं (संथाली, नागपुरी, कुडुख, कुरमाली, मुंडारी, खोरठा, हो, पचपरगनिया, खड़िया) को लागू कर इसे प्रतियोगिता परीक्षाओं समेत केजी से पीजी तक एवं बी०एड० कोर्स में शामिल करने की भी मांग की है।
इसके अलावा रांची विश्वविद्यालय का नामकरण पदमश्री डॉ० राम दयाल मुंडा और सिमडेगा कॉलेज को अमर शहीद तेलेंगा खड़िया के नाम पर करने की मांग की गयी।
बताया गया कि 11 सितम्बर 2022 को झारखंड बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित दक्षिणी छोटानागपुर प्रमण्डलीय सम्मेलन में आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच शामिल होगा।