झारखंड सरकार को अस्थिर करने की विरोधियों की साजिश सफल नहीं होगी: हेमंत सोरेन

♦Laharnews.com Correspondent♦
  रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, झारखंड की सत्ता को अस्थिर करने की विरोधियों की साजिश कभी सफल नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके विपक्षी और विरोधी खनन पट्टा से जुड़े मसले पर कथित तौर पर उनके अयोग्य होने की बात फैलाकर राज्य में भ्रम और अनिश्चितता का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सोरेन ने अपने विपक्षियों को बेचौन और भटकती हुई आत्माओं की संज्ञा से नवाजते हुए कहा कि मेरे खिलाफ जब उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वे संवैधानिक संस्थाओं की आड़ लेकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने का षड्यंत्र कर रहे हैं। लेकिन यह तय है कि हमारी सरकार जिस तरह जनकल्याण के कार्यों के प्रति समर्पित है, उसमें उनकी राजनीति की रोटी पक नहीं पाएगी बल्कि जल जायेगी।
उन्होंने कहा- अगर मैं मुजरिम हूं तो चुनाव आयोग और राज्यपाल मुझे सजा सुनायें। सोरेन ने शनिवार को सीएम हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मैं पूरे देश का पहला मुख्यमंत्री हूं, जो उनके दरवाजे पर जाकर, उनके सामने हाथ जोड़कर यह बताने का आग्रह कर रहा है कि अगर मेरा कोई गुनाह है तो इसके लिए मेरी क्या सजा मुकर्रर की गई है? मैं उनसे बार-बार पूछ रहा हूं कि उनके अनुसार मैं वाकई गुनहगार हूं तो मुख्यमंत्री के पद पर मैं कैसे बना हुआ हूं?
खनन पट्टा को लेकर विपक्ष की ओर से लगाये गये आरोपों पर हेमंत सोरेन ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या एक सीएम मात्र 88 डिसमिल जमीन के लिए घोटाला करेगा? ऐसे आरोप लगाने वालों को तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। सच तो यह है कि राज्य और केंद्र में हमारे विपक्ष के नेताओं को यह पच नहीं रहा कि आदिवासी- वंचित समाज से आगे आकर व्यवस्था कैसे संभाल रहा है?
मुख्यमंत्री ने गैरभाजपा शासित राज्यों पर सौतेला व्यवहार अपनाने का अरोप केन्द्र पर लगाया। उन्होंने कहा कि 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र पर बकाया है। यहां पर केंद्रीय मंत्री आये और दो-तीन सौ करोड़ रुपये देकर हमारी देनदारी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की सैद्धांतिक सहमति बनी।
लेकिन 1.36 लाख करोड़ रुपये की जगह तीन सौ से चार सौ करोड़ रुपये ही मिले।

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