झारखंड आंदोलनकारियों ने सरकार से पहचान और पेंशन की मांग की

♦Laharnews.com Correspondent♦
  रांची: झारखंड आंदोलकारी संघर्ष मोर्चा की विशुनपुर बनारी में हुई बैठक में आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए सभी वर्गों की नियुक्तियों में सीटों को आरक्षित करने, झारखंड अलग राज्य के सभी आंदोलनकारियों को शीघ्र चिन्हित करने,जेल जाने की बाध्यता को समाप्त कर राज्य गठन की तिथि से राजकीय मान- सम्मान, पेंशन,नियोजन व पहचान देने की मांग की गयी। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा-झारखंड अलग राज्य के मूल्यों को स्थापित करना प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी का कर्तव्य है। उन्होंने सरकार से तत्काल आंदोलनकारियों के लिए सम्मान राशि की मांग की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए आंदोलनकारी रोजलीन तिर्की ने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद भी हमें अपनी पहचान के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, यह विडम्बना है। जनार्दन भगत ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को मुख्यधारा से जोड़कर विकास की अवधाणाओं को सफल बनाना होगा।
स्वागत भाषण सुषमा कुजुर व धन्यवाद ज्ञापन सुधीर तिग्गा ने किया। बैठक में सुधीर तिग्गा,मार्शल लकड़ा,जनार्दन भगत, महावीर उरांव, सुषमा कुजुर, पित्रूस उरांव,सुरेश उरांव,नंदलाल महतो,सिकंदर उरांव ,आजाद अली, फूलन उरांव, नेमो प्रकाश लकड़ा,सुशील उरांव, बलासियुस मुंडा, पास्कल लकड़ा,ग्रिज़युस मुंडा, इलियस मुंडा, हरिमोहन उरांव, किशोर गिद्ध, पॉल तिर्की, पत्रिक उरांव, गैब्रिएल मिंज, बसंत सिंह ,प्रतिमा कुजुर,शांति किंडो और शिमला उरांव मौजूद थे।

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