♦Laharnews.com Correspondent♦
रांची :झारखंड हाईकोर्ट के नये और भव्य भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को रांची में किया। इस मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़, झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई विशिष्टजन मौजूद थे।
उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि कई मामलों में फैसला तो आ जाता है। मुकदमें की वजह से लोगों को नींद नहीं आती है। पांच, दस या बीस वर्षों बाद मुकदमा का फैसला अपने पक्ष में आने पर लोग खुशियां मनाते हैं। लेकिन यह खुशियां कुछ ही दिनों में खामोश हो जाती है। अब फिर कोर्ट की मानहानि का मुकदमा चलने लगता है। इसमें भी वर्षों लग जाते है। समय पर न्याय मिले इसके लिए कुछ नियम तो बनना ही चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके पास बहुत सारे लोगों के पत्र इस मामले को लेकर आते हैं, जिसे वह चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भेजेंगी। हिंदी में संबोधन के लिए राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की सराहना भी की और कहा कि दूसरे न्यायाधीशगण भी इसका पालन करेंगे।
जिला अदालतों को और अधिक सशक्त बनाना होगा : सीजेआई
भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने मौजूद लोगों को हिंदी में संबोधित करते हुए देश के न्यायालयों में लंबित मामलों पर चिंता जाहिर करने के साथ-साथ इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि देश भर की जिला अदालतों को सक्षम और सशक्त बनाने के साथ-साथ उन्हें समानता का अधिकार दिलाना बेहद जरूरी है। कहा, सर्वोच्च न्यायालय के सात साल के मेरे निजी अनुभव में सजा होने से पहले गरीब लोग कई दिनों तक जेल में बंद रहते हैं। अगर न्याय जल्दी नहीं मिले तो उनकी आस्था कैसे बनी रहेगी। जमानत के मामलों में प्रत्यक्ष रूप में हमें इस मामले में हमें ध्यान रखना चाहिए।
भारतीय न्याय व्यवस्था ने कई नवाचार हुए : कानून मंत्री
भारत के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, जब संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाया और डिबेट के बाद जब संविधान सौंपा था वह दिन था 26 नवंबर 1949। उस समय भीम राव अबेंडकर ने भाषण दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना करने जा रहे हैं। यह इतनी बड़ी अवधारणा की कल्पना की गयी। आजादी का अमृत महोत्सव हम सब ने मनाया। देश की आजादी के 75 साल हो गये। हम कैसे चलाए कहां पहुंचे क्या संविधान के निर्माण के समय जो अवधारणा थी उसे हम पूरा कर सके। अर्जुन मेघवाल ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था ने कई नवाचार किए हैं। हमेशा बेहतर करने की संभावना होती है। अब ई कोर्ट की व्यवस्था है। फास्ट ट्रैक कोर्ट, स्पेशल कोर्टए लोक अदालत ऐसे कई नवाचार हुए हैं।
लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा है : राज्यपाल
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा, मुझे संदेह नहीं है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की देखरेख में झारखंड हाईकोर्ट बेहतर करेगा। हाईकोर्ट न्याय का मंदिर है जहां लोग इंसाफ के लिए पहुंचते हैं। यही वजह है कि हमारा लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा है। नया हाईकोर्ट भवन लंबी सोच के साथ बना है। यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि हम भविष्य कैसे प्लान कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा, यह भवन सिर्फ ईंट पत्थर से नहीं बना बल्कि यह लोकतंत्र का उदाहरण है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम सही समय पर फैसला दें क्योंकि न्याय में देर करना भी अन्याय है। मुझे पूरा विश्वास है कि हाईकोर्ट के सभी जज और कर्मचारी राज्य के नागरिकों में लोकतंत्र और न्याय की व्यवस्था को और मजबूत करने में सहयोग करेंगे।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने कहा, यह सौभाग्य की बात है कि इस स्तर के अधिकारी और राष्ट्रपति इसका उद्घाटन कर रहीं हैं। राष्ट्रपति का शुक्रिया की उन्होंने कम समय में भी हाईकोर्ट के उद्घाटन के लिए सहमति दी। राष्ट्रपति महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं। उनकी सादगी उन्हें ज्यादा प्रचलित बनाती है, लोग राष्ट्रपति से जुड़ाव महसूस करते हैं। मुझे याद है जब मेरी पहली बार फोन पर बात हुई थी, उस वक्त वह राज्यपाल थीं तो उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट की नयी बिल्डिंग के काम के संबंध में सवाल किया था, आज उनका सपना पूरा हुआ है।
केन्द्र को भी करनी चाहिए आर्थिक सहायता : मुख्यमंत्री
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा, छोटे- छोटे अपराधों में झारखंड के गरीब लोग भी लंबे समय से जेल में बंद है। हमने एक सूची बनाई है जिसमें पांच साल से ज्यादा लंबित हैं। चार वर्षों से अधिक लंबित सूची तैयार की है जिसकी संख्या तीन हजार दौ सौ है। हम छह महीने के भीतर इन मामलों को भी निपटाने की कोशिश की है। भविष्य में जो भी जरूरत होगी राज्य सरकार उस पर ध्यान देगी। तकनीक का इस्तेमाल करके कैसे इसे बेहतर किया जाए इसकी पहल की जा रही है। झारखंड में इस कार्य के लिए कोई भी प्रोजेक्ट तैयार होगा तो राज्य सरकार पूरी मदद करेगी। एक महत्वपूर्ण विषय की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों के लिए वरीय न्यायिक सेवा में नियुक्ति में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार को भी हाईकोर्ट की आधारभूत संरचना के विकास के लिए आर्थिक सहायता राज्यों को करनी चाहिए।